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फसल अमृत बनाने का प्रशिक्षण शुरू, गौ माता पालने पर दे रहे जोर, मिला यति यतनलाल सम्मान 

 


खैरागढ़. खेतों में होने वाली फसलों को रासायनिक खाद से बचाने मनोहर गौशाला खैरागढ़ के ट्रस्टी डॉक्टर अखिल जैन (पदम डाकलिया) की मुहिम अब जमीनी स्तर पर सामने आने लगी है। इस मुहिम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय पूर्ण रूप से सहयोग कर रहा है। इसी क्रम में राजधानी से लगे ग्राम चाटौद में डॉ जैन ने फसल अमृत और मनोहर ऑर्गेनिक गोल्ड बनाने का प्रशिक्षण दिया।


फायदे के बारे में बताया 


इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में डायरेक्टर आफ रिसर्च इन्दिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. विवेक त्रिपाठी के मुख्य आतिथ्य  और वैज्ञानिकों की उपस्थिति में डॉ. ने किसानों को प्रशिक्षण दिया। धान की सीधी बुआई की विधि प्रशिक्षण के कार्यकम के साथ में जैविक गौ आधारित कृषि प्रबन्धन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें डॉ. जैन ने गौ मूत्र से फसल अमृत बनाने की विधि बताई और इसके फायदे के बारे में बताया। 


गौ मूत्र का दुर्लभ औषधि के रूप में उपयोग 


कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ जैन ने सभी किसानों से अपने-अपने घरों में गाय माता को रखने की अपील की गई। इस पर वहां मौजूद किसानों ने स्वीकारा। जैन ने कहा कि ऋषि महर्षि गौ माता के गौ मूत्र का वर्णन दुर्लभ औषधि के लिए करते रहे हैं, जो मानव स्वास्थ्य और धरती माता के सुपोषण के लिए बहुत ही उपयुक्त है। इस कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ जीके श्रीवास्तव, डॉ संजय द्विवेदी, डॉ एसके चीतले, डॉ गौतम रॉय विशेष रूप से उपस्थित थे।


यति यतनलाल सम्मान से किया गया सम्मानित


मनोहर गौशाला के ट्रस्टी डॉ. अखिल जैन(पदम डाकलिया) को छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण 2024 यति यतन लाल सम्मान से सम्मानित किया गया । यह सम्मान उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर भारत की उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर प्रदेश राज्यपाल रामेन ढेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरुण साव सहित अन्य मंत्री व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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Last modified on Saturday, 09 November 2024 14:30
रागनीति डेस्क-1

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