अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में आईटीबीपी के जवान तैनात हैं। भारत-चीन के बीच हुई झड़प में चीनी सेना को परास्त कर चुके जवानों के हौसले बुलंद हैं। कड़ाके की ठंड भी उन्हें डिगा नहीं पा रही। सीमा पर तैनात जवानों का कहना है कि वे चौकन्ने हैं। चीन अपने नापाक इरादों में कामयाब नहीं होगा।
समाचार एजेंसी एएनआई की टीम ने तवांग क्षेत्र में आईटीबीपी के सैनिकों की तैयारियों का जायजा लिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां तगड़ी सुरक्षा के बीच निर्माण कार्य भी तेजी से हो रहा है। आईटीबीपी के 55 बटालियन के कमांडर कमांडेंट आईबी झा ने एएनआई से बातचीत में आश्वस्त किया है कि मातृभूमि पर किसी भी तरह की आंच नहीं आने देंगे। कमांडेंट झा बोले कि जवानों में जोश है।
#WATCH No one can surprise us here. We've made a commitment to the country to protect it....Troops here say that their counterparts in Ladakh fought hard & they also want to do better than them if an opportunity comes by, says ITBP’s 55th Bn commander in Tawang sector, Arunachal pic.twitter.com/Q0xTlhK1GG
— ANI (@ANI) December 26, 2020
सबसे मजूदार चीज यह है कि वहां (पूर्वी लद्दाख) आईटीबीपी के जवानों ने चीन के साथ जबरदस्त लोहा लिया था। मेरे जवानों के मन की भावना ये है कि उन्हें मौका मिल गया, हमें नहीं मिला। मौका मिला तो उससे ज्यादा वीरता दिखाने के लिए तैयार हैं।
कमांडेंट झा बोले कि जब पूर्वी लद्दाख जैसी घटनाएं होती हैं तो उन्हें भी हाई अलर्ट मोड पर रहना पड़ता है। ठंड अत्यधिक है और ऐसी ठंड चीजों को कठिन बना देती है। इसके बावजूद हमारे जवान बहुत अधिक सतर्क हैं और हर समय सीमा पर नजर रखे हैं।
इसके पहले भी कई बार किया है मुश्किलों का सामना
पैंगोंग झील, फिंगर क्षेत्र और 14, 15, 17 व 17 ए में पेट्रोलिंग पाइंट्स पर कई बार मुश्किल परिस्थितियां निर्मित हुईं। जवानों ने इसका सामना किया। हाथापाई में न सिर्फ चीनी जवानों को रोका, बल्कि उन्हें पीछे धकेला। इसमें उन्हें गंभीर चोट पहुंचाई। अप्रैल-मई में सीमा पर शुरुआती दौर में दिखाई गई आईटीबीपी जवानों की बहादुरी ने अरुणाचल क्षेत्र में तैनात सैनिकों को प्रेरित किया है।
हर मोर्च पर चीन के दुस्साहस को रोकने की है तैयारी
तवांग सेक्टर की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए भारतीय सेना की एक पूरी टुकड़ी पूरी तरह ेस तैनात है ताकि चीन के हर दुस्साहस का जवाब देकर उन्हें रोका जा सके। आईटीबीपी और भारतीय सेना के बीच समन्वय को बहुत करीब से देखा जा सकता है क्योंकि वे दोनों एक-दूसरे को क्षेत्र में अपनी गतिविधियों के बारे में और अपने संचालन के क्षेत्रों के पास चीनी की गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते हैं।