खैरागढ़ अमलीडीहखुद चौक से टिकरापारा की तरफ बढ़ने पर धंसा दिखा बेस, गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल।
खैरागढ़. मुआवजे के लिए दस्तावेजों से छेड़छाड़ के बाद अब बायपास के निर्माण में बरती जा रही कोताही भी उजागर हो रही है। देखें तो, 19 करोड़ का बायपास बैलगाड़ियों का बोझ नहीं उठा पा रहा है। रोड के ऊपर की परतें उखड़ने लगी हैं। जहां डामर नहीं लगा है, वहां कुछ जगहों पर बेस धंसा दिखाई दे रहा है। छोटे पुलियों की दीवारों में आई दरारों को लीपापोती कर छिपाया जा रहा है।
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मंगलवार दोपहर बायपास पर सोनेसरार से आमनेर नदी तक के सफर ने रोड के गुणवत्ता की पोल खोल दी। डामर की ऊपरी परत उखड़ रही है। बाइक पर चलते समय ऐसा लगा मानो रोड पर किसी ने रेत बिछा दी हो। लगभग 500 मीटर दूर जाने पर रोड का बायां किनारा क्षतिग्रस्त दिखा। यहीं से भीतर का मटेरियल भी दिखा, जिससे गुणवत्ता परखी जा सकती है। तभी वहां से बैलगाड़ी गुजरी जिस पर बच्चा बैठा हुआ था। उसी के पीछे चल रहे किसान ने पूछने पर बताया कि इस रोड पर अभी या तो ठेकेदार की ट्रकें चलती हैं या गांव के किसानों की बैलगाड़ियां।
तस्वीर में देखिए अमलीडीहखुर्द के पास धंसा बेस
इससे एक दिन पहले अमलीडीहखुर्द चौक से सोनेसरार की तरफ बढ़े तो ठीक ऐसा ही एहसास हुआ था। तरीबन 200 से 300 मीटर आगे बढ़ने पर डामर की परत थोक में उखड़ी दिखी। वापस लौटे तो टिकरापारा व कॉलेज की तरफ आगे बढ़े। चौक के पास ही बेस धंसा दिखा। कुल मिलाकर मुआवजे में किया गया खेल बायपास की गुणवत्ता पर भी असर डाल रहा है।
पुलिया में आई दरार, तो किया जा रहा सुधार
रोड की तरह छोटे पुल-पुलियों के निर्माण में भी लापरवाही दिखाई दे रही है। बायपास पर ही मिले कुछ युवकों ने एक तस्वीर दिखाई, जिसमें सोनेसरार की तरफ से पड़ने वाली पहली पुलिया में आई दरार स्पष्ट दिखाई दी। युवकों ने बताया कि हालही में इसे रिपेयर किया गया है। उन्होंने रिपेयरिंग के निशान भी दिखाए। अन्य पुलियों में भी इसी तरह के निशान दिखाकर बोले कि हरेक में दरार छिपाने की कोशिश जारी है।
लीकेज हुआ तो खत्म न हो जााए सड़क
अमलीडीहखुर्द की तरफ से सोनेसरार की ओर बढ़ने पर एक जगह ऐसी भी दिखी जहां बायपास रोड के नीचे से पाइप लाइन गुजारी गई है। संभवत: दाएं खेत में लगे पंप से बायीं तरफ की फसल सींचने के लिए यह जुगाड़ अपनाया गया हो, लेकिन जानकारों का कहना है कि यदि पाइप लीकेज हुआ तो यह सड़क को सफाचट कर जाएगा। अब इसे लेकर किए गए सुरक्षात्मक उपाय मौके पर कहीं दिखाई नहीं दिए।
शिकायत के बावजूद जमीन नापने नहीं गए अफसर
अमलीडीहखुर्द चौक के आसपास की प्लाट में चौहद्दी में गड़बड़ी कर सरकारी जमीन बेचने का आरोप खुद खसरा नंबर 105/5 के मालिक अनिल जैन ने लगाया है। उन्होंने 24 फरवरी को पीडब्ल्यूडी ईई से शिकायत की थी, लेकिन तकरीबन 12 दिन बीतने के बाद भी अफसरों ने इसका निराकरण नहीं किया है। अनिल का आरोप है कि खसरा नंबर 105/13 वाली भूमि का मुआवजा मिल चुका है, इसके बावजूद उसे बेचा गया है।
सब इंजीनियर अंकित जैन ने कहा- मुझे कहीं नहीं दिखी उखड़ी सड़क
सवाल: सोनेसरार से आमनेर नदी की तरफ बढ़ने पर बायपास की ऊपरी परत अभी से उखड़ रही है, ऐसा क्यों?
जवाब: मुरुम वाली गाड़ियां चल रही हैं। हो सकता है, जहां गाड़ियां मुरुम पलट रही हों, वहां एकाध जगह यह हुआ होगा। बाकी कहीं और तो मुझे दिखाई नहीं दी उखड़ी सड़क।
सवाल: इसी रोड पर बायीं साइड में रोड का किनारा उखड़ गया है?
जवाब: मुरुम गाड़ी पलटते समय एजिंग पर ज्यादा लोड पड़ा होगा, तो हो सकता है डेमेज हुआ हो।
सवाल: सड़क के नीचे से सिंचाई पाइप गुजारी गई है, इससे तो रोड को नुकसान होगा?
जवाब: लीकेज होगा तो रोड को डेमेज करेगा ही। हमने तो बनाते समय ही बोला था कि पक्का पाइप डालो जीआई वाला। कहीं पर कोई डाला होगा तो उसे निकालना होगा। अगर पाइप मिट्टी में डला होगा तो नुकसान नहीं करेगा। उसने दोनों तरफ ज्वाइंट छोड़ा होगा।
सवाल: बायपास की पुलिया में दरारें क्यों आ रही हैं?
जवाब: जीरो पाइंट पर एक पुलिया से रोलर टकराया था, वही हो सकता है। बाकी किसी पुलिया में दरार नहीं दिखी।
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