रुख्खड़ महोत्सव के दूसरे दिन लांच की गई वेबसाइट, इसमें लाइव दर्शन और डोनेशन की सुविधा भी।
खैरागढ़. देश-विदेश में रहने वाले भक्त अब ऑन लाइन रुख्खड़ स्वामी मंदिर में स्थापित सिद्धपीठ के दर्शन कर सकेंगे। पांच दिवसीय श्री रुख्खड़ महोत्सव के दूसरे दिन ट्रस्ट समिति ने वेबसाइट लांच की। श्री रुख्खड़ स्वामी डॉट कॉम (www.shrirukkhadswami.com) पर क्लिक कर वे वेबसाइट में दी गई सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।
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इस वेबसाइट में सिद्धपीठ के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि यह पीठ स्थापित कब हुई और तब के शासक कौन थे? वेबसाइट में मंदिर से जुड़ी रोचक जानकािरयां भी दी गई हैं। जैसे, इसमें बताया गया है कि सावन मास में हर रोज यहां मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण कर पूजा-अर्चना के बाद उसे विसर्जित किया जाता है। यह मिट्टी लालपुर स्थित गौशाला से लाई जाती है।
राजा टिकैतराय को आशीर्वाद स्वरूप दी थी भभूति
वेबसाइट में संत रुख्खड़ बाबा से जुड़े रोचक किस्से हैं। इसमें बताया गया है कि बाबा ने राजा टिकैतराय को आशीर्वाद स्वरूप भभूति दी थी। इसी भभूति से निर्मित पिंड रूपी शिवलिंग मंदिर के गर्भगृह में स्थापित है। पिंड की सतह पिलपिली है और अनवरत प्रज्वलित धुनी का परकोटे में गरमाहट की जगह नमी मिलती है।
जल्द मिलेगी लाइव दर्शन की सुविधा
वेबसाइट में लाइव दर्शन की सुविधा जल्द ही उपलब्ध होगी। इसमें सुबह-शाम होने वाली आरती के अलावा सावन व शिवरात्रि के दौरान होने वाली विशेष पूजा व अनुष्ठान को भी भक्त देख सकेंगे। इस वेबसाइट के जरिए रुख्खड़ बाबा के अन्य मंदिरों को जोड़ने के भी प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा वहां की तस्वीरें भी गैलरी में एकत्र की जाएंगी।
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ऑन लाइन दान दे सकेंगे भक्त
वेबसाइट बनाने वाले टेकमेट्रिका के डायरेक्टर प्रियेश मौर्य ने बताया कि देश-विदेश के भक्त ऑन लाइन फार्म भरकर यहां की सदस्यता ले सकेंगे। फिलहाल वेबसाइट में काफी चीजें अपडेट की जानी है। इसमें डोनेशन के लिए पेमेंट का ऑप्शन भी दिया जाएगा ताकि मंदिर में दान देने के इच्छुक भक्त ऑन लाइन रुपए ट्रांस्फर कर सकें।
बाबा की इच्छा से हो रहा है सबकुछ
समिति के अध्यक्ष रामकुमार सिंह का कहना है कि बाबा की ही इच्छा से सबकुछ हो रहा है। पहले दिन सैकड़ों भक्त खैरा से 30 किमी की पदयात्रा कर नर्मदा जल लेकर पहुंचे। इससे पहले सपना और अविराज की आवाज के जरिए बाबा की ख्याति जन-जन तक पहुंची। अब प्रियेश और शिल्पी के प्रयास से देश-विदेश के भक्त बाबा के दर्शन पा सकेंगे।
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