खैरागढ: 2005-06 की बाढ़ में राजस्व नक्शे से गायब जैन मंदिर वाला नाला और राम मंदिर के पास वाला मोती नाला भी था उफान पर, तब डूबा था टिकरापारा।
शुक्रवार (28 अगस्त) को नदी-नालों के भरते ही राम मंदिर के पास वाला मोती नाला पुल के ऊपर से बहने लगा। इसी के चलते नया टिकरापारा और शिवमंदिर के आसपास का मोहल्ला नगर से कट गया। यही स्थिति 15 साल पहले भी बनी थी। कई मकान डूबे गए थे। लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। कीड़े वाला पानी पी रहे खैरागढ़ के प्रकृति प्रेमी, नहाने से हो रही खुजली भी, देखिए वीडियो...
खैरागढ़ वासियों का कहना है कि कायदे से नया टिकरापारा और शिव मंदिर रोड पर पुल निर्माण को प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी। नया टिकरापारा के बाद अकरजन, हीरावाही, कुसियारी, सुतिया जैसे गांव हैं, जिसकी कुल आबादी ढाई हजार के आसपास होगी, लेकिन यहां पुल बनाने की बजाय तकरीबन 5 करोड़ की लागत से मोंगरा में पुल बनाया गया, जिसकी आबादी लगभग 350 होगी।
अगर मोंगरा की बजाय टिकरापारा और शिवमंदिर रोड में पुल-पुलिया निर्माण को प्राथमिकता दी जाती तो हालात कुछ और होते। सोनू सूद को भा गई मनीष की बनाई Portrait, शेयर किया तो देश हुआ दीवाना, हर मिनट आ रही Friend Request
नाले पर बनी दीवार तोड़ी तो बच गया मोहल्ला
राजस्व विभाग को छोड़ दें तो 25 साल से अधिक उम्र वाला हरेक शख्स जैन मंदिर के बाजू से बहने वाले नाले का इतिहास जानता है। टिकरापारा के रहवासी बताते हैं कि 2005-06 में हालात ऐसे थे कि उन्हें रातों रात घर छोडऩा पड़ा था। तब काफी नुकसान हुआ था। तब वही नाला उफान पर था, जिसे आज पाट दिया गया है। अगर उस पर बनी दीवार न तोड़ी जाती तो आज भी स्थिति भयावह होती।
राजतंत्र में बना पुल, लेकिन लोकतंत्र में नहीं बन पाया
टिकरापारा निवासी युवा पत्रकार राजू यदु का कहना है कि नया टिकरापारा में गो पालक रहते हैं। वर्तमान पुल रियासतकालीन है। यानी राजाओं को चिंता थी, इसलिए तब पुल बन गया, लेकिन लोकतंत्र में यही पुल नहीं बन पाया। आगे वीडियो देखिए और सुनिए क्या कह रहे राजू यदु
Posted by Bhagwat Sharan Singh on Friday, August 28, 2020
सवाल: मोंगरा को प्राथमिकता क्यों मिली?
जवाब: नगर पालिका अध्यक्ष मीरा चोपड़ा के पति गुलाब चोपड़ा का कहना है कि मोंगरा और टिकरापारा दोनों ही पुल विशेष प्राथमिकता में थे। मोंगरा का पुल सेंक्शन हुआ और उसका काम भी हो गया। टिकरापारा का पुल भी सेंक्शन हो चुका है। बजट में स्वीकृत भी हो चुका है। मंत्री जी से मिलकर इसकी जानकारी लूंगा।
जवाब: इस बारे में नगर पालिका उपाध्यक्ष रामाधार रजक का कहना है कि बीजेपी की सरकार के समय बजट में प्रावधान करके मोंगरा पुल को स्वीकृत किया गया। इसके बाद काम चालू हुआ। फिर टिकरापारा और अमलीडीह से दपका वाले पुल का प्रस्ताव बजट में रखा गया था, लेकिन चुनाव के कारण मामला लटक गया। Corruption का कमाल-1: डुबान में बसी रह गई बस्ती, खंडहर हो रहे साढ़े सात करोड़ के 492 मकान