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जो अधिकार मानव को जन्मजात प्राप्त होते हैं उसे मानव अधिकार कहते हैं Featured

खैरागढ़. तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ तथा सचिव हेमंत कुमार रात्रे के द्वारा 10 दिसंबर को शास.पूर्व माध्यमिक शाला खम्हारडीह में मानवाधिकार दिवस मनाया गया। इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश चन्द्र कुमार कश्यप ने विश्व मानवाधिकार दिवस का जिक्र करते हुए बच्चों से कहा कि जो अधिकार मानव को जन्मजात प्राप्त होते हैं उसे मानव अधिकार कहते हैं। 10 दिसंबर 1948 को मानव अधिकार संस्था का गठन हुआ। यह संस्था विश्व में मानव हितों की रक्षा करने के साथ ही उनके अधिकारों की भी रक्षा करती है किंतु हमारे देश की विडंबना है कि आजादी के 75 वर्ष के बाद भी मानवाधिकार के हनन के मामले देखे जाते हैं। यह इसलिए हो रहा है क्योंकि हमारे अंदर शिक्षा की कमी है और हम अपने अधिकारों से परिचित नहीं है। हमें अपने अधिकारों को जानना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने उपस्थित छात्रों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की बात कही। जेएमएफसी गुरु प्रसाद देवांगन ने कहा कि हर एक व्यक्ति को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना बेहद जरुरी है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक को यह पता होना चाहिए कि उसे हमारे संविधान ने क्या अधिकार दिया है। उन अधिकारों के लिए उसे लड़ना तो नहीं पड़ रहा है। कहीं कोई उसके अधिकारों का हनन तो नहीं कर रहा है। महिला हो या कोई पुरुष, किसी के भी अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।

देवांगन ने आगे कहा कि किसी से भी जबरदस्ती कोई काम नहीं कराया जा सकता है। पुलिस की कार्रवाई के लिए भी पैरामीटर बने हैं। पुलिस भी मानव अधिकारों के दायरे में रहकर ही काम कर सकती है। पैरालिगल वॉलेंटियर गोलूदास साहू ने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि वे सभी यातायात के नियमों के बारे में जाने और लोगों को उसका पालन कर अपने जीवन को सुरक्षित करने की बात कही। इस अवसर पर प्रधान पाठक भीखम लाल मंडावी, शिक्षक सुधांशु झा, गणेश प्रसाद जंघेल सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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रागनीति डेस्क-1

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