Print this page

कलाकारों को किया लाखों का भुगतान,2023 में बिगड़ी माली हालत तो नहीं हुआ आयोजन Featured

ख़ैरागढ़ 00 बिना टेंडर और कोटेशन के इवेंट मैनेजिंग एजेंसी व्यापक इंटरप्राइजेस को लगभग ढाई करोड़ से ज्यादा का काम देने वाले विवि प्रशासन ने भुगतान के दौरान भी नियमों की अनदेखी की। बिना विस्तृत बिल के पूरा भुगतान कर दिया। ढाई करोड़ के बेतहाशा इवेंटिंग ठेके के बाद भी विवि प्रशासन का मन नहीं भरा। सुब्रहमणियम एंटरटेनमेंट,बैंगलोर को 27 अप्रैल 2022 को कार्यक्रम प्रस्तूति के लिए 22 लाख 2 हज़ार 346 रूपए, प्रस्तुति के लिए आमंत्रित कलाकारों को 19 लाख 43 हज़ार का भुगतान किया गया। इन कलाकारों के ट्रांसपोर्टिंग का खर्च लगभग 2 लाख रूपए का खर्च जिसमें रेल और फ्लाइट का किराए का भुगतान भी विवि प्रशासन ने किया। 

 

कलाकारों को किया लाखों का भुगतान 

 

परीक्षा मद सहित अन्य मदों की राशि से विवि ने आमंत्रित कलाकारों को लाखों का भुगतान किया। 


जिसमें --

 

पीयूष मिश्रा,मुंबई - 7,08,000


एफ.वासिफुद्दीन डग्गर,नई दिल्ली - 1,40,000


नाट्य वेदा सेंटर फॉर परफॉर्मिग आर्ट - 1,25,000


दिलीप षडंगी,रायपुर - 1,00,000


परितोष सुधीर पोहनकर,कोलकाता - 65000


पंडित ब्रिज नारायण,मुंबई - 1,50,000


मुकुंद नायक,रांची - 1,50,000


योगेश कुमार शंकर,नई दिल्ली - 65,000


कलापिनी कोमकाली,देवास - 1,65,000


चंद्रकांत पांडुरंग पाटिल,कोल्हापुर - 1,50,000


मनोहर कुमार,पश्चिम बंगाल - 1,25,000

 

बाहर से बुलाए कार्यक्रम उद्घोषक

 

विवि में डॉ.राजन यादव सहित अन्य मूर्धन्य व्यकित्व मौजूद हैं,जो कार्यक्रम संचालन में पारंगत हैं। लेकिन विवि ने कार्यक्रम में उद्घोषक भी बाहर से बुलाए थे। उद्घोषक के रूप में आमंत्रित सोनिया स्थापक और नमित साहू उक्त आयोजन के लिए 41 हज़ार 200 रूपए का भुगतान किया। 

 

2022 में कर दिए करोड़ों खर्च,23 में फंड की कमी से नहीं हुआ आयोजन

 

16 वें दीक्षांत समारोह में नियमों को ताक में रखकर किए गए खर्च का असर 2023 में पड़ा। बिगड़ी माली हालत के कारण 2023 में सालों बाद न ही ख़ैरागढ़ महोत्सव हुआ और न ही दीक्षांत समारोह हुआ। विवि प्रशासन खुद बिगड़ी माली हालत की बात स्वीकार कर रहा है। 

 

निर्णयों पर उठ रहे सवाल 

 

विवि में पेंटिंग,ग्राफिक्स,मूर्तिकला के मौलिक मूर्धन्य कलाकार मौजूद हैं। जो राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हैं। ऐसे में रायपुर आर्टिफिशियल इवेंटिंग एजेंसी को काम क्यों दिया गया ?


बिना निविदा और कोटेशन के करोड़ों का काम किसके कहने पर दिया गया ? 


विवि में उद्घोषक मौजूद तो हज़ारों खर्च कर बाहर से उद्घोषक क्यों बुलाए गए ?


विवि के कलाकार स्वयं रायगढ़ महोत्सव, भोरमदेव महोत्सव सहित देश व प्रदेश के कोने - कोने में अपनी कला का लोहा मनवा चुके हैं। ऐसे में बाहर से लाखों खर्च कलाकार क्यों आमंत्रित किए गए ? 


परीक्षा सहित विवि के छात्र कल्याणक मदों का इस तरह के इवेंट में खर्च कहाँ तक सही है ? 

 

कलाकारों को बुलाने में होता है खर्च - प्रो.आई.डी.तिवारी,कुलसचिव,इंदिरा कला संगीत विवि,ख़ैरागढ़

 

मामले में इंदिरा कला संगीत विवि के  आई.डी. तिवारी ने कहा उद्घोषकों को न्यूनतम राशि का भुगतान किया गया है। बाहर से बड़े कलाकारों को बुलाने में इतना तो खर्च हो ही जाता है। इस वर्ष फंड की कमी थी इसलिए आयोजन नहीं हुआ। आने वाले नवंबर माह में आयोजन होगा। प्रो.तिवारी गवर्मेंट एजेंसी होने के कारण व्यापक इंटर प्राइजेस को काम दिए जाने को जायज ठहरा रहे हैं। 

Rate this item
(0 votes)
Last modified on Saturday, 20 May 2023 01:16
रागनीति डेस्क-1

Latest from रागनीति डेस्क-1

Related items