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छुईखदान जनपद पंचायत में करोड़ों के घोटाले का खुलासा, बुधवार सामान्य सभा की बैठक में उठेंगे तीखे सवाल Featured

 

सीईओ व लेखापाल और ऑपरेटर के निलंबन व एफआईआर दर्ज करने किया जा सकता है प्रस्ताव, 

 

प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल

खैरागढ़. जनपद पंचायत छुईखदान में आगामी 18 जून को आयोजित होने जा रही सामान्य सभा की बैठक से पहले ही सियासी गरमाहट तेज हो गई है। करोड़ों रुपये के कथित वित्तीय घोटाले, सूचना प्रक्रिया में लापरवाही और एकल हस्ताक्षर से की गई निकासी जैसे गंभीर आरोपों ने प्रशासन को कटघरे में ला खड़ा किया है।

 

जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि बैठक की सूचना केवल व्हाट्सएप के जरिए दी गई, न तो उन्हें दस्तावेज मिले, न एजेंडा। जनपद सदस्य रमेश साहू ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की खुली अवहेलना बताया और कहा कि “बिना समुचित जानकारी के चर्चा करना केवल औपचारिकता बनकर रह जाएगा।”

 

मुख्य आरोप सीईओ रवि कुमार पर केंद्रित 

सीईओ पर पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 66(4) और लेखा नियम 1999 का उल्लंघन करते हुए एकल हस्ताक्षर से करोड़ों की निकासी का आरोप है। सहायक लेखा अधिकारी का पद रिक्त होने के बावजूद शासन को सूचित किए बिना भुगतान जारी रखा गया।

 

सूत्रों के मुताबिक, कंप्यूटर ऑपरेटरों को ही वेंडर बनाकर लाखों रुपये उनके खातों में ट्रांसफर किए गए। भोथली, खुड़मुड़ी, सिलपट्टी जैसी पंचायतों में बिना कार्य संपन्न हुए सचिवों और सरपंच पतियों को भुगतान हुआ। “इसिका इंटरप्राइजेज” और “अकाउंटिंग सोल्यूशन” जैसी संस्थाओं को पंचायत की स्वीकृति के बिना भुगतान किया गया, जिससे हितों के टकराव और भ्रष्टाचार की बू आती है।

 

सभापति के पत्र भी रहे बेअसर

जनपद अध्यक्ष पुष्पा जंघेल द्वारा 17 मई और 6 जून को भेजे गए पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं होने से जनप्रतिनिधियों में नाराजगी है। अब बैठक में प्रस्ताव लाया जा सकता है कि जब तक जांच पूरी न हो, सीईओ, लेखापाल और डीएससी ऑपरेटर को तत्काल निलंबित कर एफआईआर दर्ज की जाए।

 

जनता के प्रतिनिधियों की सीधी चेतावनी

विधायक प्रतिनिधि विनोद ताम्रकार ने स्पष्ट कहा कि यदि बैठक में सीईओ मौजूद नहीं रहे, तो वे बैठक निरस्त करने की मांग करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें बैठक की सूचना सिर्फ व्हाट्सएप से मिली है, जबकि एजेंडा की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई।

 

जनपद अध्यक्ष के पति बोले – बैठक की एजेंडा ही पता नहीं

जब मीडिया ने जनपद अध्यक्ष पुष्पा जंघेल से संपर्क करने की कोशिश की, तो फोन उनके पति प्रकाश जंघेल ने उठाया। उन्होंने बताया कि उन्हें भी बैठक की जानकारी सिर्फ व्हाट्सएप से मिली है और एजेंडा की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “हम अभी नए हैं, इसलिए विषयों की पूरी जानकारी नहीं है।”

 

अब सबकी नजरें 18 जून की बैठक पर टिकीं हैं। यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिले, तो यह मामला न केवल शासन स्तर पर जाएगा बल्कि न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जा सकता है। जनप्रतिनिधि इस बार पूरी तैयारी और आक्रामक तेवर के साथ सवालों के साथ मैदान में उतरने को तैयार हैं।

 

 

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Last modified on Tuesday, 17 June 2025 19:41

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