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10 वर्षों में तीन गंभीर मामले आए जिससे विवि प्रतिष्ठा हुआ धूमिल, अब छात्र बेधड़क सिगरेट गांजा फुक रहे Featured

खैरागढ़. देश के सबसे प्रतिष्ठित इंदिरा कला संगीत विश्व विद्यालय की प्रतिष्ठा पर एक बार फिर बट्टा लगा है। इस बार कला संकाय के डीन और नाट्य विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ.योगेंद्र चौबे पर छेड़खानी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध हुआ है। और उन्हें जेल भेज दिया गया है। डॉ. चौबे पर विवि की ही एक छात्रा ने छेड़खानी का आरोप लगाया है। राष्ट्रीय महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले विवि के डिजाइनिंग के डिपार्टमेंट के ही वेंकट रमन गुडे के खिलाफ भी इसी तरह का मामला पंजीबद्ध किया गया था। जो अभी न्यायालय में विचाराधीन है। कुछ दिन पहले ओडीसी विभाग के एक प्रोफेसर के विरुद्ध भी अश्लील वीडिओ बनाने का मामला भी सामने आया था। लेकिन उक्त मामले में कार्यवाही नहीं हई। बीते 10 वर्षों के भीतर ही इस तरह के 3 मामले संज्ञान में आए हैं। हालांकि इन मामलों में कितनी सच्चाई है। यह न्यायालय का निर्णय आने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन बीते कुछ वर्षों में विवि में निरंकुशता का वातावरण बना है। और भारतीय कला व संगीत का संरक्षण करने के लिए खैरागढ़ के राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह व रानी पदमावती देवी द्वारा अपनी पुत्री के नाम पर स्थापित स्व.इंदिरा कला संगीत विवि अब भारतीय संस्कार व संस्कृति के विच्छेदन का केंद्र बन गया है।

बढ़ रही लिव इन संस्कृति

स्थानीय स्तर भी विवि के भीतर व बाहर दोनों तरफ वाता वरण में बदलाव आ रहा है। किराए के मकानों में रह रहे छात्र बेधड़क लिव इन रिलेशन में रह रहे हैं। किराए के लालच में मकान मालिकों का भी इस पर अंकुश नहीं हैं। शहर के पॉश इलाको में रह रहे इन छात्रों पर किसी प्रकार का कोई अंकुश नहीं है। जिसकी वजह से लड़के - लड़कियां एक साथ रह रहे हैं।

बैठक के नाम पर देर रात तक सजती महफ़िले

कला बैठको के नाम पर देर रात तक संगीत की महफ़िले सजती हैं। जिनमें शिक्षकों के साथ देर रात विवि के छात्र भी इन महाफिलों में शामिल रहते हैं। जिसके चलते देर रात तक इन छात्रों की चहलकदमी बनी रहती है।

विवि में लग रही कक्षाओं में रूचि नही

विवि में पदस्थ प्रोफेसर व शिक्षकों की रूचि भी विवि में लग रही कक्षाओ में भी इन प्रोफेसर व शिक्षकों की कोई रूचि नहीं है। लेकिन टूशन के नाम पर यही छात्र प्रोफेसर और शिक्षकों के घरों में पढ़ने जाते हैं। जबकि विवि में ही कला शिक्षा के लिए सुलभ वातावरण है।

शराब,गांजा,सिगरेट से लबरेज़ विवि के छात्र

विवि में अध्ययनरत छात्र बड़ी संख्या में शराब,गांजा,सिगरेट के साथ महंगे नशों के आदि हो चुके हैं। जिनमें लड़कियां भी शामिल हैं। इन्हें सुबह,दोपहर,शाम,रात चारों प्रहर नगर के सभी प्रमुख होटलों के पीछे नशों के कश लगाते देखा जा सकता है।

गुरु शिष्य परंपरा के नाम पर छात्रों का शोषण

विवि में शुरू से ही गुरु शिष्य परमपरा का पालन होता है। जिसके तहत छात्र गुरु को किसी अभिभावक की तरह मानते हैं। लेकिन इसकी आड़ में अब छात्रों का शोषण भी होता है। क्योंकि छात्र अपने प्रोफेसर के घर में साग - सब्जी लाने से लेकर घर के काम भी करते हैं।

नंबर के नाम हो रहा खेल

विवि की शिक्षा प्रणाली में सबसे ज्यादा प्रभाव प्रेक्टिकल के नंबरों का होता है। और इसी नंबर की आड़ में तमाम तरह की बेजा गतिविधियां हो रही हैं। यहाँ तक पी एच डी डिग्री के लिए कीमती ज्वेलरी से लेकर कीमती साड़ियां,लैपटॉप जैसे कीमती सामान तक प्रोफेसर और शिक्षकों को छात्र गिफ्ट करते हैं।

इन बिंदुओं पर नकेल ज़रूरी

  • नियुक्तियों में भर्राशाही
  • राशन के सामानों में हेरा फेरी
  • निर्माण में भ्रष्टाचार
  • खैरागढ़ महोत्सव में भ्रष्टाचार
  • एक दूसरे के विरुद्ध फ़र्ज़ी शिकायत
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Last modified on Wednesday, 02 April 2025 13:08
रागनीति डेस्क-1

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