खैरागढ़. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का पूरा काम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। प्रशासनिक अनदेखी और लोकनिर्माण विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैये की वजह से ज्यादातर काम अधूरे हैं। जहां काम हुआ भी है। वहां घाटिया क़्वालिटी का स्तरहीन काम किया गया है। सड़क निर्माण का सभी काम एक ही निर्माण एजेंसी का है। जो शासन को नुकसान पहुंचाकर खुद मुनाफा कमा रहा है। ठेकेदार को लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। जो इन सड़कों को झांकने तक नहीं जाते हैं।
काम अधूरा,हो रही दिक्कत
पांडादाह से बरपेलाटोला और बरपेलाटोला से छोडगाडीह दोनों सड़क 7 - 7 किमी की है और दोनों की लागत क्रमशः 266.78 लाख है। निर्माण एजेंसी संजय सिंगी ने काम अधूरा छोड़ा हुआ है। जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मुरुम की जगह पीली मिट्टी
सलगापाट से खपरीतेली की सड़क में मुरुम की जगह पीली मिट्टी डाली जा रही है। बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। जिसकी वजह से न निर्माण की लागत का पता चल पा रहा है,न ही निर्माण से सम्बंधित अन्य जानकारियां मिल पा रहीं है। ऐसा ही हाल भण्डारपुर से परसाही सड़क का है। जहां निर्माण एजेंसी ने बोर्ड नहीं लगाया है। और बेहद स्तरहीन कार्य किया जा रहा है।
धीमी गति से चल रहा काम
भण्डारपुर से परसबोड़ सड़क में भी घटिया और स्तरहीन काम किया जा रहा है। लेटलतीफी अलग से हो रही है। जिसका खामियाजा आम लोग उठा रहे हैं। 2.25 किमी की इस सड़क का निर्माण मेसर्स एस एस आर सिविलकॉन प्राइवेट लिमिटेड कर रही है। काम धीमी गति से चल रहा है।
सारे काम एक साल से अटके
मुँहडबरी से कटंगिकला | अक्टूबर 2020 | 11 माह |
मुँहडबरी से विक्रमपुर | अक्टूबर 2020 | 11 माह |
विक्रमपुर से कटंगिखुर्द | अक्टूबर 2020 | 11 माह |
सलगापाट से खपरीतेली | बोर्ड नहीं लगाया गया है | 11 माह |
उरईडबरी से गुमानपुर | सितंबर 2020 | 1 साल |
भण्डारपुर से परसाहि | बोर्ड नहीं लगाया गया है | 11 माह |
भण्डारपुर से परसबोड़ | सितम्बर 2020 | 1 साल |
दिलीपपुर से कटंगिखुर्द | अक्टूबर 2020 | 11 माह |
दिलीपपुर से काँचरी | अक्टूबर 2020 | 11 माह |
पांडादाह से बरपेलाटोला | अक्टूबर 2020 | 11 माह |
बरपेलाटोला से छोडगाडीह | अक्टूबर 2020 | 11 माह |
बारिश ने किया बेहाल
अधूरी सड़क से सबसे ज्यादा ग्रामीण बेहाल हैं,कहीं सड़क खोदने की वजह से पानी भरा है। अब न गाड़ी जा सकती है। न बाइक। लोग पानी कम होने का राह तकते हैं। कहीं पैसे निकालने के लिए मुरुम डाला गया है। जिसमें गाड़ियां फंसती हैं।
ये है अधिकारियों और ठेकेदार के मुनाफे का गणित
सारे काम लगभग एक ही ठेकेदार ने ले रखें हैं। अब अधिकारी कमीशनखोरी के लालच में सभी कामों का चेक काटते जाते हैं। न मौके पर जाकर अवलोकन करते हैं। न भौतिक सत्यापन। सिर्फ ऑफिस में बैठकर चेक काटने काम किया जाता है। परिणाम जनता भोगती है। और काम अटके रहते हैं। प्रधानमंत्री सड़क योजना के ज्यादातर कामों का यही हाल है।
चेक करवाता हूँ - एसडीएम ध्रुव
- मामले पर संज्ञान लेते हुए अनुविभागीय अधिकारी लवकेश ध्रुव ने चेक करवाने की बात कही। मामले में लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों का पक्ष नहीं मिल पाया है।