देश-विदेश में ख्यातिप्राप्त इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय इन दिनों आंतरिक विवादों के चलते सुर्खियों में है। विश्वविद्यालय के गैर शिक्षक कर्मचारी संघ की 12 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहे चरणबद्ध आंदोलन ने अब जोर पकड़ लिया है। इसी बीच छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने रविवार को राम मंदिर परिसर में आयोजित बैठक में आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया।
संघ के संरक्षक दिलीप सिंह बेस और सह संयोजक संजय श्रीवास्तव ने चेताया कि अगर प्रशासन ने दमनकारी नीति नहीं छोड़ी तो पूरे जिले में कर्मचारियों की हड़ताल की जाएगी। बैठक में 25 से अधिक विभागों के कर्मचारी मौजूद रहे।
वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि आंदोलन पूरी तरह औचित्यहीन है और कुछ कर्मचारी अन्य कर्मचारियों को डरा-धमकाकर इसमें शामिल कर रहे हैं। कुलपति प्रो. लवली शर्मा ने इसे विश्वविद्यालय के सौहार्द्रपूर्ण वातावरण को बिगाड़ने वाला कदम बताया।
इसके जवाब में संघ अध्यक्ष प्रखर शरण सिंह ने कहा कि आंदोलन संविधानिक, शांतिपूर्ण और हक की लड़ाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन मुद्दों से ध्यान भटका रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं बल्कि पदोन्नति, वेतनमान, पेंशन, नियमितीकरण जैसी वर्षों पुरानी मांगों को लेकर है।
प्रखर सिंह ने दावा किया कि 42 दैनिक कर्मचारियों की वापसी आंदोलन का ही नतीजा है। 9 जुलाई को भारी बारिश के बावजूद संघ ने बिना कमरा दिए ऑडिटोरियम के बाहर बैठक की, जिससे नाराजगी और बढ़ी।
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो 14 जुलाई को कलमबंद और 17 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी