होली यानी रंगों का त्यौहार। होली पर जितने रंग हम उपयोग करते है वह रंग हमारी जिंदगी की विभिन्न परिस्थितियों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। वे हमारी जिंदगी को रंगीन बनाते हैं। रंगों के प्रभाव से ही लोग अपनी जिंदगी जीते हैं और अपने जीवन की रफ्तार को बढ़ाते हैं।
इसलिए मानव जीवन में रंगों का काफी महत्व है और रंगों की इसी बरात को समर्पित है होली का त्यौहार। होली पर कुछ खास रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। आइए जाने ये रंग क्या कहते हैं।
लाल रंग
लाल रंग को ऊर्जा, उत्साह, महत्वाकांक्षा, उग्रता, उत्साह और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है। इस रंग का प्रयोग पूजा और दूसरे शुभ कार्यों में किया जाता है। देवी को लाल रंग बेहद प्रिय होता है। इस रंग को प्यार और कामुकता का प्रतीक भी माना जाता है। इस रंग से व्यक्ति ऊर्जावान महसूस करता है। इसलिए होली में इस रंग का प्रयोग किया जाता है।
पीला रंग
पीले रंग को आरोग्य, शांति और एश्वर्य का प्रतीक माना जाता है। इस रंग का प्रभाव मानव मस्तिष्क पर पड़ता है। पिले रंग से मन अध्यात्म की ओर अग्रसर हो जाता है। इस रंग का प्रयोग देव कार्यों में ज्यादा किया जाता है। इसलिए यह देवी-देवताओं का प्रिय रंग है।
हरा रंग
हरा रंग , हरियाली, शीतलता, ताजगी, और सकारात्मकता का होता है। इस रंग से मन की चंचलता दूर होती है और इस रंग को सुकून पहुंचाने वाला माना जाता है। हरे रंग से आत्मविश्वास, प्रसन्नता और शीतलता मिलती है। यह आंत की बीमारियों, लिवर, नाड़ी संबंधी रोगों और खून की बीमारी में अच्छा माना जाता है।
नीला
नीले रंग को कोमलता और स्नेह के साथ वीरता, पौरुषता का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी इस रंग का काफी महत्व है। इस रंग को शनि देव का रंग माना जाता है। ज्योतिष में यह जल तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। इसके प्रयोग से मानसिक शांति मिलती है और रक्तचाप नियंत्रित होता है।
नारंगी
नारंगी रंग खुशमिजाजी और सामाजिक सरोकार का प्रतीक है। इस रंग के प्रयोग से व्यक्ति ज्ञानवान और विचारवान होता है। इस रंग से मानसिक शक्ति मजबूत होती है और सामाजिक संबंध काफी मजबूत होते है।