घरेलू हिंसा, पुरुषों की शिकायत पर प्रशासन की चुप्पी? ✍️जितेंद्र शर्मा
राजधानी की पुलिस का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा की शिकायतें एकदम से बढ़ गई। प्रतिदिन औसत दो महिलाओं की शिकायत पुलिस के पास इस टाइप की पहुंच रही थी। बात जब हर मामले में एक कदम आगे बढ़कर काम करने वाले हमारे एसएसपी महोदय के पास पहुंची तो उन्होंने इस मामले में भी एक कदम आगे बढ़कर काम किया और जिले में चुप्पी तोड़ो अभियान शुरू कर दिया। इसके लिए महिला पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी में टीमें बनाकर काम शुरू भी कर दिया। हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए। पहले ही दिन से शिकायतें बढ़कर आने लगीं, लेकिन पुलिस भी इन शिकायतों को देख हतप्रभ रह गई। क्योंकि शिकायत करने वालों में महिलाएं ही नहीं, पुरुषों ने भी अपनी पत्नियों के खिलाफ शिकायत की थी। अब जब शिकायत आई है तो पुलिस को कार्रवाई तो करनी ही पड़ेगी सो पुलिस ऐसे पुरुषों के पास भी पहुंची, जिन्होंने पत्नी के खिलाफ प्रताड़ना की शिकायत की थी। बताते हैं तब ऐसे भी मामले आए जब घर पहुंचने पर प्रताड़ित पुरुष ने शिकायत करने से साफ इंकार कर दिया क्योंकि उसकी पत्नी सामने थी और पुलिस के वहां से जाने के बाद उन्होंने पुलिस से पुन: विनती की कि वह पत्नी के सामने कुछ बोल नहीं पाते। तो भाई साहब अब ये भी तय करना पड़ेगा कि वास्तव में चुप्पी किसकी तोड़ने की ज्यादा जरूरत है। वैसे भी सभी जानते हैं कि ज्यादातर पुरुष घर के बाहर चाहे कितने भी बड़े तोप क्यों न हों, घर में तो..। आगे पढ़ें... मेल कराती मधुशाला
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