खैरागढ़. जनपद पंचायत खैरागढ़ में वित्तीय वर्ष 2024-25 और चलित वित्तीय वर्ष 2025-26 के बीच कुल 31 लाख 22 हजार 236 रुपए से अधिक की राशि सिर्फ विविध आयोजनों, कार्यालयीन खर्च, जीर्णोद्धार और उपकरणों की खरीददारी में खर्च की गई है। कई खर्चों पर पारदर्शिता को लेकर सवाल उठ रहे हैं, वहीं कुछ मामलों में बिना किसी आयोजन के भी भुगतान किया गया है।
प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, पंचायत निर्वाचन के नाम पर 17 बिलों के आधार पर 12 लाख 52 हजार 943 रुपए की भारीभरकम राशि निकाली गई है। इसमें सबसे ज्यादा राशि 6.61 लाख रुपए टेंट-पंडाल पर, 1.83 लाख साउंड सिस्टम पर, 27 हजार वीडियो ग्राफी, 8 हजार फ्लेक्स प्रिंटिंग, 2.76 लाख स्वल्पाहार, 47 हजार स्टेशनरी और 47 हजार वाहन किराए पर खर्च किए गए।
फोटो कॉपी, सुशासन तिहार और अध्यक्ष रूम की मरम्मत में भी लाखों खर्च
जनपद पंचायत में फोटो कॉपी के नाम पर 44,533 रुपए खर्च किए गए, जिसमें से 39,913 रुपए मनरेगा शाखा और 4,560 रुपए ऑन रिसोर्स मद से भुगतान हुआ। सुशासन तिहार के आयोजन में भोजन सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए 48,964 रुपए पांच अलग-अलग बिलों के माध्यम से निकाले गए।
इसके अलावा कार्यालय रंग-रोगन पर 21,050 रुपए, फर्नीचर खरीदी पर 47,000 रुपए, सीसीटीवी कैमरा स्थापना पर 89,656 रुपए, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं डीईओ कक्ष के जीर्णोद्धार में 3.01 लाख रुपए का भुगतान हुआ। राष्ट्रीय पर्व आयोजन में 96,075 रुपए, डीएससी निर्माण पर 7,500 रुपए, सम्मेलन खर्च में 90,869 रुपए और रामलाल दर्शन योजना के अंतर्गत फूल-यात्रा खर्च में 1.29 लाख रुपए निकाले गए।
विविध व्यय में एक लाख से ज्यादा, स्टेशनरी और बिजली बिल में भी बड़ा खर्च
विविध खर्चों के नाम पर 21 बिल लगाकर 1.43 लाख रुपए अलग-अलग फर्मों को दिए गए हैं। ऑफिस एक्सपेंस में 1.44 लाख रुपए निकाले गए। सचिव की मृत्यु पर परिजनों को सहायता सहित जीएसटी, टीडीएस आदि मदों में 103000 रुपए का भुगतान किया गया।
स्टेशनरी के नाम पर 2.36 लाख रुपए खर्च किए गए, जिसमें मनरेगा शाखा से 98,789 रुपए तथा शेष ऑन रिसोर्स से भुगतान हुआ। बिजली और इंटरनेट बिल के नाम पर 24 बिल लगाकर कुल 1.99 लाख रुपए निकाले गए।
1.26 लाख की फोटो कॉपी मशीन की खरीदी बनी सवालों का केंद्र
जनपद पंचायत ने 1.26 लाख रुपए में फोटो कॉपी मशीन खरीदी है, जिसकी बाजार कीमत को लेकर संदेह जताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो यह दर काफी अधिक है। इसके साथ ही प्रिंटर, सीपीयू, मॉनिटर, नेट प्रोटेक्टर, टोनर रिपेयरिंग जैसे उपकरणों की खरीदी व मरम्मत पर 1.33 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।
बिना शिविर के भुगतान, विपक्ष की नजरें सामान्य सभा पर
जनसमस्या निवारण शिविर के आयोजन पर 3.01 लाख रुपए खर्च किए गए, जबकि कई स्थानों पर शिविर हुए ही नहीं। इसके बावजूद भुगतान कर दिया गया। विपक्ष इसे लेकर नाराज है और सामान्य सभा की बैठक में मुद्दा उठाने की तैयारी में है।
वाहन किराए में भी मोटी रकम खर्च
जनपद पंचायत द्वारा वाहन किराया मद में कुल 4.16 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। इसमें से 3.95 लाख रुपए मनरेगा शाखा, 6 हजार ऑन रिसोर्स और 15 हजार रुपए राजेन्द्र कृषि गाड़ाघाट को तथा प्रशिक्षण हेतु पीओ उपेंद्र वर्मा के हैदराबाद दौरे के लिए भुगतान किया गया है।
प्रशासनिक चुप्पी पर सवाल
पूरे मामले की जानकारी जिला प्रशासन को भी है, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर जांच या कार्यवाही नहीं हुई है। पारदर्शिता की मांग को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जनसंगठनों में आक्रोश है। पंचायत में खर्च को लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
बिना आयोजन के भुगतान और लाखों की खरीदी जनपद में गंभीर वित्तीय गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। आगामी सामान्य सभा में हम पूरा हिसाब मांगेंगे ये जनता का पैसा है, कोई मजाक नहीं।
— भूखन बंजारे, जनपद सदस्य