सिटी बस की राह में बाधक और प्रदूषण का कारण बन रहे दस साल पुराने डीजल टेंपो और लोडिंग रिक्शा को एक अप्रैल से शहरी सीमा में नहीं चलने दिया जाएगा। वहीं एक अप्रैल से ही नये ऑटो, टेंपो की बिक्री पर जबकि ई रिक्शा की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इनका पंजीयन भी केवल 31 मार्च तक ही हो सकेगा।
संयुक्त परिवहन आयुक्त डॉ. एमपी सिंह ने इसके आदेश शुक्रवार को जारी कर दिए। सभी डीलर्स को भेजे आदेश में परिवहन आयुक्त ने 20 फरवरी को सांसद की अध्यक्षता में हुई बैठक के निर्णयों का हवाला दिया है। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में चरणबद्ध ढंग से टेंपो और डीजल सवारी वाहनों को शहर से बाहर करने पर सहमति बनी थी।
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने और लोक परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में यह बढ़ा कदम माना जा रहा है।
31 मार्च तक होगा ये ऑटो व ई रिक्शा का पंजीयन
परिवहन विभाग अब नये ऑटो एवं ई रिक्शा का पंजीयन केवल 31 मार्च 2020 तक करेगा। 1 अप्रैल से केवल सीएनजी या बैटरी से संचालित होने वाले टेंपो, ऑटो का ही पंजीयन हो सकेगा। बिक्री के लिए डीलर्स को सक्षम अधिकारी की अनुमति लेना होगी।
ऑटो की संख्या शहर में करीब 10 हजार हो चुकी है। इसलिए अब सीलिंग कर दी गई है। अब इससे अधिक ऑटो शहर में नहीं दौड़ेंगे। यदि कोई भी डीलर वाहन बेचता भी है तो आरटीओ में उनका पंजीयन नहीं होगा और ना ही परमिट जारी किए जाएंगे। इससे शहर में ट्रैफिक का लोड कम होगा, जाम की समस्या से भी लोगों को छुटकारा मिलेगा।
डीजल टेम्पो का नवीनीकरण अगले साल तक
डीजल टेम्पो के परमिट का नवीनीकरण केवल 1 जनवरी 2021 तक ही किया जाएगा। इसके बाद इनका परमिट रिन्यू नहीं होगा। इससे अधिकांश टेंपो शहर के बाहर हो जाएंगे। टेंपो के बाहर होने से सिटी बस के संचालन में आने वाली रुकावटें दूर होंगी। बेहतर लोकल ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलप हो सकेगा।
1 अप्रैल से आदेश हो जाएगा प्रभावशाली
आरटीओ का यह आदेश 1 अप्रैल से प्रभावशाली हो जाएगा। इसके बाद डीलरों को ऑटो-ई रिक्शा बेचने के लिए परमिशन लेना होगी। डीजल लोडिंग वाहन जो दस साल पुराने हो चुके हैं, उनके पहले परमिट निरस्त किए जाएंगे। इसके बाद उनको शहर के बाहर करने की कार्रवाई होगी।