नई दिल्ली. निजामुद्दीन मरकज के बाद नोएडा सेक्टर 135 की सीज फायर कंपनी कोरोना संक्रमण के फैलाव का देश का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन गई है। इस कंपनी के 34 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। पुलिस उत्तर प्रदेश के साथ सात अन्य राज्यों में भी कंपनी के 79 कर्मी और उनके संपर्क में आए लोगों की तलाश में जुट गई है।
नासिक के सेक्स वर्करों को चाहिए मदद
स्थानीय प्रशासन की लापरवाही की वजह से सीज फायर कंपनी का मामला दिन-ब-दिन गंभीर हो रहा है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य व शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे की सक्रियता के बाद अब इस कंपनी के सभी कर्मियों की तलाश की जा रही है ताकि कोरोना का संक्रमण रोका जा सके। बताया गया कि कंपनी में कुल 162 कर्मचारी काम करते हैं। इनमें से 83 उत्तर प्रदेश के ही रहने वाले हैं। इसमें गौतम बुद्ध नगर जिले के 57 हैं। जबकि 26 कर्मी उत्तरप्रदेश के अन्य जिलों के हैं। इसी तरह 79 कर्मी सात अन्य राज्यों के बताए गए हैं।
डीसीपी कार्यालय नितिन तिवारी ने बताया कि संबंधित राज्यों को कर्मियों की जानकारी दी जा चुकी है। वहां उनकी तलाश की जा रही है। अभी तक 18 लोगों को इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के माध्यम से पकड़ा गया है। इनमें से पांच लोग पॉजिटिव निकले हैं और वे सभी क्वारेंटाइन हैं।
कनिका कपूर का कोरोनावायरस टेस्ट एक बार फिर
17 मार्च तक रही विदेश से आवाजाही
जानकारी के मुताबिक कंपनी के लोगों की विदेश से लगातार आवाजाही रही। वे एक से 17 मार्च तक बेरोक टोक आते-जाते रहे। प्रबंध निदेशक खुद एक मार्च को यूके से लौटकर आए थे। इसके बाद 14 मार्च को एक ब्रिटिश ऑडिटर लंदन से आया था। इसे ही कोरोना के फैलाव का प्रमुख मारण माना जा रहा है।
नौ दीये जलाने से पहले गायत्री मंत्र की आहुति, आयत-ए-करीमा के बाद गूंजेगा अजान भी
लापरवाही की पोल खुली तो डीएम ने मांगी छुट्टी
पोल खुलने के बाद ही डीएम ने छुट्टी मांगते हुए गौतमबुद्धनगर में काम करने से नकार किया था। यह पोल खुली जब मुख्यमंत्री आदित्यनाथ 30 मार्च को दौरे पर आए। इसके बाद यह मामला सोशल मीडिया पर भी खासा वायरल हो गया था।