लखनऊ: 28 साल पुराने बाबरी विध्वंस केस में आखिरकार फैसला आ गया है. लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए आडवाणी, जोशी, उमा, कल्याण, नृत्यगोपाल दास सहित सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है, कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बाबरी विध्वंस सुनियोजित नहीं था,कोर्ट ने कहा कि ‘अराजक तत्वों ने ढांचा गिराया था और आरोपी नेताओं ने इन लोगों को रोकने का प्रयास किया था।
इस हाई-प्रोफाइल मामले में भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता जैसे- लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कल्याण सिंह जैसे नेता शामिल थे, कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है, बता दें कि इस केस की चार्जशीट में बीजेपी (BJP) के एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह समेत कुल 49 लोगों का नाम शामिल है।
जिनमें से 17 लोगों का निधन हो चुका है, बाकि 32 आरोपियों को कोर्ट ने मौजूद रहने के लिए कहा गया था लेकिन 26 आरोपी ही कोर्ट पहुंचे थे, आडवाणी और जोशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे।
इस मामले पर लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज एसके यादव ने फैसला सुनाया है, इस फैसले के बाद वो रिटायर हो जाएंगे उन्हें 30 सितंबर, 2019 को ही रिटायर होना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस केस के लिए उनका कार्यकाल फैसला आने तक बढ़ा दिया था।
रागनीति के ताजा अपडेट के लिए फेसबुक पेज को लाइक करें और ट्वीटर पर हमें फालो करें।