रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित हो रहे हितग्राहियों की परेशानियों को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है। इस नए नियम के तहत अब आवास योजना के तहत हितग्राहियों को आवास योजना की राशि सीधे उनके खाते में डालने की योजना बनाई गई है, ताकि अपने घर का सपना संजोने वाले प्रदेश के गरीबों को जल्द उनका अपना मकान मिल जाए।
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं ग्रामीण के हितग्राहियों को अपने हिस्से के अनुदान या सब्सिडी की रकम पाने के लिए सरकारी प्रक्रियाओं की उलझन दूर होने की संभावना है। अब हितग्राहियों को योजना की राशि सीधे ऑनलाईन माध्यम से उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। यह व्यवस्था बनाने के लिए राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ नगर पालिक मेयर इन कौंसिल तथा प्रेसीडेंट इन कौंसिल के नियमोें में बदलाव किया है।
अब तक हालत ये है कि प्रदेशभर में समय पर राशि न मिलने के कारण लोगों के मकान आधे-अधूरे पड़े हैं। हितग्राहियों को काफी परेशानी उठाकर अधूरे बने मकानों में रहना पड़ रहा है। इस संबंध में प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने प्रदेश के सभी नगर निगम आयुक्तों, सभी नगर पालिकाओं तथा नगर पंचायतों के सीएमओ को पत्र जारी किया है। साथ ही इस संबंध में राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना भी जानकारी भी भेजी है।
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छत्तीसगढ़ में इस योजना के लिए 2011 की सर्वे सूची में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 18 लाख 74 हजार से अधिक लोगों के नाम हैं। इनमें से 9 लाख 39 हजार हितग्राहियों की स्वीकृति दी गई थी। इनमें से 6 लाख 65 हजार हितग्राहियों को राशि का भुगतान किया गया। जबकि 2 लाख 73 हजार से अधिक हितग्राहियों को राशि का भुगतान नहीं हो पाया। हितग्राहियों को राशि का भुगतान पूरा नहीं होने के कारण कई मकान अधूरे रह गए। इस साल डेढ़ लाख से अधिक आवास का लक्ष्य छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में एक लाख 57 हजार 815 मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इन मकानों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों के 74 हजार 696, अनुसूचित जाति वर्ग के 20 हजार 42, अल्पसंख्यक वर्ग के 850 और अन्य वर्गों के हितग्राहियों के 62 हजार 227 आवास शामिल हैं।
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