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लव जिहाद के खिलाफ यूपी सरकार का अध्यादेश, 10 साल तक की होगी सजा Featured

लखनऊ. (ANI) यूपी सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश पास कर दिया है। मंगलवार को यूपी कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। कुछ दिन पहले ही उत्तप्रदेश सरकार ने ऐलान किया था कि वे लव जिहाद पर नया कानून बनाएंगे।

सरकार का कहना है कि इससे लालच, दबाव, धमकी या शादी का झांसा देकर शादी की घटनाओं को रोका जा सकेगा। मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने एएनआई को बताया कि आज (24 नवंबर) उत्तर प्रदेश कैबिनेट ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020' लेकर आई है। यह प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है।

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इससे पहले गृह विभाग ने लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून का मसौदा पहले ही तैयार कर लिया था। इसे परीक्षण के लिए विधायी विभाग को भेजा गया था। हालांकि मसौदे में लव जिहाद शब्द का जिक्र कहीं भी नहीं है। इसे गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक बिल कहा जा रहा है।

यूपी कानून आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने कहा कि दो अलग-अलग धर्म के लोग आपस में शादी कर सकते हैं लेकिन अवैध रुप से धर्मांतरण को लेकर नए कानून में प्रावधान है। इसमें 3 साल, 7 साल और 10 साल की सजा का प्रावधान है। नए कानून के जरिए अवैध रुप से धर्मांतरण कर शादी करने पर रोक लगेगी।

यूपी में बढ़ते मामले और कानून व्यवस्था को देखते हुए सरकार ने लव जिहाद पर कानून बनाने का फैसला लिया था। लव जिहाद के नाम पर लड़कियों से शादी करना, उनका धर्म परिवर्तित कराना, फिर उन पर अत्याचार करना। ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वोलों से सख्ती से निपटने की तैयारी है।

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स्टेट लॉ कमीशन ने सीएम योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंपी थी। बताया गया कि कानून बनने के बाद शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन भी नहीं किया जा सकेगा। इतना ही नहीं शादी कराने वाले मौलाना या पंडित को उस धर्म का पूरा ज्ञान होना चाहिए।

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