निर्मल त्रिवेणी महाअभियान ने ढाई सालों में लगाए 10000 से ज्यादा पौधे
खैरागढ़. एक तरफ बैताल रानी घाटी में वन विभाग के लगाए 50 फीसदी पौधे मर चुके हैं तो नदियों के संरक्षण के लिए समर्पित निर्मल त्रिवेणी महाअभियान की टीम ने दो सालों में लगाए 90 फीसदी पौधों को जीवित कर दिखाया है। पौधारोपण से लेकर जीवित रखने के लिए किए जाने वाले सारे उपाय अभियान के स्वयं सेवकों ने खुद किये हैं। महाअभियान के सभी सदस्यों ने निजी खर्च पर ही पौधों का रोपण किया था। और निजी खर्च पर ही पौधों का संरक्षण कर रहे हैं। रोज़ाना 2 घंटे श्रमदान कर पौधों के संरक्षण की व्यापक कार्ययोजना बनाई । जिसके तहत थाल निर्माण से लेकर जल सिंचन कर पौधों का संरक्षण किया।
ज़रूरत के मुताबिक लगाए पौधे
महाअभियान के माध्यम से नगर में लगाए गए पौधों को ज़रूरत के मुताबिक लगाया गया है। नदियों के किनारे अर्जुन के पौधे लगाए गए थे। तो गौरव पथ व अन्य जगहों पर सौंदर्यीकरण के पौधे लगाए गए। जिसकी वजह से नगर के वातावरण में बदलाव आया है।
औषधीय पौधों ने भी लिया आकार
महाअभियान ने नगर में पॉलिटेक्निक के पीछे औषधीय उद्यान भी तैयार किया था। तैयार किए गए पौधे भी आकार ले चुके हैं। अडूसा,निर्गुन्डी,स्टीविया,पत्थर चट्टा जैसे पौधों का लोग निशुल्क उपयोग कर रहे हैं।
डेढ़ लाख खर्च कर जीवित रखे पौधे
महाअभियान की टीम ने ढाई वर्षों में पौधों के संरक्षण में डेढ़ लाख रुपए खर्च किये,जिसमें ढोलियों से लेकर जालियों तक का खर्च शामिल है।
जानिए बिंदुवार कैसे किए उपाय
- एकमुश्त ढोलियों का ऑर्डर गंडई के ढोली निर्माताओं को दिया
- वन विभाग के प्लांटेशन से टूटकर गिरी सीमेंट पोल और बारबेड वायर को दुरुस्त कर फिर से लगाया
- प्रत्येक पौधे के आसपास थाल निर्माण किया।
- गर्मी में प्रत्येक पौधे की पानी की आवश्यकता का ध्यान रखा
- मणिकंचन केंद्रों से खाद खरीदकर जैविक खाद का उपयोग किया
- निरन्तर श्रमदान से पौधों की छंटाई से लेकर अन्य कार्य सम्पन्न किया
अब भी जारी है पौधा रोपण
महाअभियान के माध्यम से पौधारोपण का कार्य निरन्तर जारी है। सोमवार को फतेह मैदान परिसर में पीपल,नीम,करंच के पौधों का रोपण किया गया। अभियान से जुड़े हुए सूरज देवांगन, उमेद पटेल,मंगल सारथी,राजीव सिंह,शिशुपाल सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।