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बड़ी खबर: Khairagarh University के Assistant Registrar की गलत नियुक्ति का आरोप, अब साक्ष्य छिपाने की साजिश..! Featured

सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा की आड़ लेकर जानकारी देने से कतरा रहा है खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय प्रशासन।

खैरागढ़. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय प्रशासन ने सहायक सचिव (Assistant Registrar) विजय सिंह की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 2 (f), धारा 8(l) e, j एवं धारा 11 (l) के अधीन होने के कारण दिया जाना संभव नहीं है। जबकि विधिक जानकारों का कहना है कि नियुक्ति संबंधी कागजात लोक दस्तावेज की श्रेणी में आते हैं।

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मामले का खुलासा तब हुआ जब शहर कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता समीर कुरैशी ने विजय सिंह की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज मांगे। विश्वविद्यालय के जन सूचना अधिकारी कुलसचिव (Registrar) पीएस ध्रुव ने अधिनियम की उक्त धाराओं का उल्लेख करते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया।

इसके बाद समीर ने कुलसचिव (Registrar) ध्रुव के खिलाफ थाने पहुंचे। थाना प्रभारी को दिए आवेदन में समीर ने लिखा कि कुलसचिव ने उन्हें गलत जानकारी दी। मिथ्या सूचना गढ़ी। अधिनियम से परे जाकर जानकारी उपलब्ध कराने से इनकार किया।

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इसलिए समीर ने कुलसचिव ध्रुव के खिलाफ आईपीसी की धारा 192, 463, 468 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की। हालांकि इस मामले को हस्ताक्षेप योग्य न मानते हुए पुलिस ने उन्हें न्यायालय जाने के लिए कहा है।

आरोप: अवैध है सहायक सचिव की नियुक्ति

समीर का आरोप है कि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में विजय सिंह की नियुक्ति सहायक सचिव के पद पर अवैध रूप से की गई है। इसलिए नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज नहीं दिए जा रहे हैं। जन सूचना अधिकारी ने उसे गोपनीय दस्तावेज बताया है।

लोक दस्तावेज हैं नियुक्ति संंबंधी कागजात: अधिवक्ता

वरिष्ठ अधिवक्ता एडी वर्मा का कहना है कि जनसूचना अधिकारी ने अधिनियम की जिस धारा का उल्लेख करते हुए सहायक सचिव की नियुक्ति संबंधी दस्तावेज देने से इनकार किया है, वह सरासर गलत है। नियुक्ति संबंधी कागजात, लोक दस्तावेज की श्रेणी में आते हैं। इसका नकल दिया जा सकता है।

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अधिवक्ता वर्मा का कहना है कि यदि कोई गलत जानकारी देता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 192 के तहत कार्रवाई होनी चािहए। इसी तरह जानकारी छिपाने के लिए दस्तावेज गढ़ा गया है, जो धारा 463 और 468 के तहत अपराध है

अगर प्रथम सूचना रिपोर्ट को जानबूझ कर टाला जा रहा है, तो एसपी को फिर से आवेदन कर यह मामला उनके संज्ञान में ला सकते हैं ताकि वह उचित कार्रवाई करें।

कुलसचिव ने इन धाराओं को किया नजरअंदाज

अधिवक्ता एडी वर्मा का कहना है कि सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 2005 में महत्वपूर्ण बिंदु 26 के तहत-66 में कर्मचारियों की नियुक्ति, स्थानांतरण और पदोन्नति के संबंध में सूचना प्राप्त करने का अधिकार है। इसका मतलब ये है कि कुलसचिव ने इन धाराओं को नजरअंदाज कर दिया।

आरटीआई से पता चला खेल, तभी फर्जी शिक्षिका को हुई जेल

हालही में फर्जी प्रमाण पत्रों के भरोसे आठ साल से सरकारी नौकरी कर रही पांडादाह हाईस्कूल में पदस्थ शिक्षाकर्मी रेखा पति खिलेंद्र नामदेव को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा है। उसके विरुद्ध धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था।

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शिक्षाकर्मी रेखा नामदेव की नियुक्ति संबंधी दस्तावेज आरटीआई के तहत निकालने के बाद व्यवसायी अजय जैन ने पहले इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से की, जिसके आधार पर उसे निलंबित किया गया था। इसके बाद विभाग ने आरोपी महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कार्यालयीन आवेदन दिया।

इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष जानने के लिए कुलसचिव पीएस ध्रुव से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।

 

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Last modified on Saturday, 19 September 2020 18:59

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