खैरागढ़ नगर पालिका के खिलाफ शहर भाजपा के पदाधिकारियों ने दिया दो घंटे का धरना, तख्ती लगाकर गिनाई पालिका की खामियां।
नगर के 20 वार्डों में 12 में भाजपा पार्षद जीतकर आए थे, यानी पालिका परिषद में संख्या बल इनके पास था। इसके बावजूद पांच साल जनहित के मुद्दों पर भूमिका शून्य रही। जिन मुद्दों को उठाया, उसे अंजाम तक नहीं पहुंचा पाए। इसलिए अब मंडल पदाधिकारियों को सड़क पर उतरकर कांग्रेस के वचनों का हिसाब मांगना पड़ रहा है।
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सोमवार को मंडल अध्यक्ष सहित पदाधिकारी इतवारी बाजार में धरने पर बैठे। मुख्य मुद्दा था सड़क का गड्डा। इस गड्ढे की वजह से आवाजाही प्रभावित हो रही है। कुछ माह पहले जब वहां के व्यापारियों ने विरोध किया, तो पालिका का अमला डस्ट डालने पहुंचा। इस दौरान कांग्रेसियों ने फोटो भी खिंचवाए।
तख्ती लेकर बैठे भाजपाइयों ने इस बात का ज्ञापन में भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के मरम्मत करवाने के बावजूद सड़क की हालत बद्तर है। धूल उड़ रही है। लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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धरना स्थल पर मंडल अध्यक्ष अनिल अग्रवाल के साथ महिला मोर्चा अध्यक्ष नीलिमा गोस्वामी, मंडल उपाध्यक्ष कीर्ति वर्मा, मंत्री चंदन गोस्वामी, मीडिया प्रभारी शशांक ताम्रकार आदि मौजूद रहे। प्रदर्शन बाद भाजपाइयों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया है कि गड्ढे की जल्द मरम्मत नहीं हुई तो पार्टी पदाधिकारी, पार्षदगण और समस्त मोर्चा प्रकोष्ठ उग्र आंदोलन को बाध्य रहेंगे।
तख्तियों में लिखा- ‘वचन का वध’
तख्तियों में उन वचनों का भी उल्लेख है, जिसकी घोषणा कर कांग्रेस ने अध्यक्ष पद हासिल किया। भाजपाइयों ने लिखा कि युवाओं को तो निशुल्क इंटरनेट मिला नहीं, बुजुर्ग पेंशनधारियों को भी लगाना पड़ता है चक्कर। भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का वादा था, पर गरीबों को अपना ही घर बनवाने के लिए शुल्क देना पड़ रहा है।
उपाध्यक्ष के वार्ड में आता है मुख्य सड़क का गड्ढा
सभापति मनराखन देवांगन का कहना है कि मंडल के पदाधिकारियों ने जनता का मुद्दा उठाया है, लेकिन जिस गड्ढे के सामने वे धरने पर बैठे हैं, वह वार्ड उपाध्यक्ष रामाधार रजक का ही है। परिषद की बैठक में न उन्होंने यह मुद्दा उठाया और न ही अन्य किसी भाजपा पार्षद ने।
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देवांगन का कहना है कि मैं पहले भी कह चुका हूं कि न केवल इतवारी बाजार के गड्ढे की बल्कि मुख्य सड़क की मरम्मत हमारी प्राथमिकता में है, लेकिन निर्धारित मद में पर्याप्त राशि नहीं होने की वजह से इसके लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है।
जनहित के इन मुद्दों पर छाई खामोशी, लगे आरोप भी
0 तीन माह पहले ही भाजपा के सभी पार्षदों ने 32 करोड़ के जल आवर्धन योजना में भ्रष्टाचार का मामला उठाया, लेकिन परिषद में चुप्पी नहीं तोड़ी। बाद में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिह के जरिए विधानसभा प्रश्न लगवाए। इसके बाद मामले की जांच के लिए एसडीएम की अगुवाई में पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन जरूर हुआ, लेकिन परिणाम सार्वजनिक नहीं किया गया। हल्ला करने वाले भाजपा पार्षदों ने भी मौन धारण कर लिया।
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0 उपाध्यक्ष रामाधार रजक ने तीन साल पहले विभिन्न वार्डों में हुए बोर खनन में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था। इसके बावजूद परिषद में खामोशी रही। तीन माह पहले ही एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें खुद रामाधार संबंधित ठेकेदार से नोट लेते हुए कहते दिखे कि हम आगे बढ़ेंगे, तब फाइल आगे बढ़ेगी। अभी इस वीडियो की जांच एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) कर रही है।