खैरागढ़ के माधव मेमोरियल हॉस्पिटल के बारे में CAF (छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स) के जवान ने की शिकायत, अब नोटिस भेेजकर जवाब मांगेगा स्वास्थ्य विभाग।
खैरागढ़. झोलाछाप डॉक्टरों के गलत इलाज से हालही में राजफेमली निवासी युवक की जान चली गई। इसे लेकर प्रशासनिक जांच सवालों के घेरे में है। इधर CAF के एक जवान ने यहीं के एक निजी अस्पताल पर ढंग का इलाज किए बगैर सिर्फ पैसा उगाही करने का आरोप लगाया है। अपनी शिकायत में अस्पताल की कई गंभीर अनियमितताएं भी उजागर की हैं।
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जवान का नाम है मोतीलाल यादव। यह CAF कैंप घाघरा में आरक्षक है। बताया गया कि अचानक स्वास्थ्य बिगड़ने पर वह 13 दिसंबर 2020 की सुबह 11 बजे उमराव पुल के पास पेट्रोल पंप के पीछे स्थित माधव मेमोरियल हॉस्पिटल पहुंचा। वहां मौजूद डॉक्टर ने उसे भर्ती किया। तकरीबन दो से तीन दिन तक अस्पताल में रखकर इलाज किया।
इसके बावजूद आरक्षक यादव को आराम नहीं मिला। तब उन्होंने खुद सरकारी अस्पताल में भर्ती होकर उपचार कराने का मन बनाया और माधव मेमोरियल से सिविल अस्पताल पहुंच गए। यहां डॉक्टरों ने उनका ब्लड टेस्ट करने के बाद ट्रीटमेंट स्टार्ट किया और तीन-चार दिनों में ही उनकी सेहत सुधरने लगी।
इसके बाद 30 दिसंबर 2020 को आरक्षक यादव ने एसडीएम के नाम एक शिकायत पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि माधव मेमोरियल अस्पताल की पर्ची में डॉक्टर का नाम नहीं लिखा है और डॉक्टर ने दवा लिखने के बाद पर्ची पर हस्ताक्षर भी नहीं किए। दवा की पर्ची में अस्पताल का पंजीयन नंबर भी नहीं है। इसके बाद पर्ची में सबसे नीचे यह भी लिख दिया गया है कि यह मेडिको लीगल उद्देश्य के लिए यह मान्य नहीं।
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इलाज के दौरान उससे तकरीबन 4000 रुपए लिए गए, लेकिन इसकी रसीद नहीं दी गई। आरक्षक ने लिखा कि अस्पताल में ढंग का इलाज नहीं किया जा रहा है, बल्कि सिर्फ पैसा उगाही की जा रही है। उन्होंने एसडीएम से निवेदन किया है कि ऐसे हॉस्पिटल व डॉक्टरों की जांच कर कार्रवाई की जाए।
मैं कल ही नोटिस भेजकर मांगूंगा जवाब
इस बारे में बीएमओ डॉ. विवेक बिसेन ने बताया कि CAF के जवान की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। मैं कल (मंगलवार) ही नोटिस देकर अस्पताल के संचालक से स्पष्टीकरण मांगूंगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नई पर्ची में किया जा रहा उल्लेख
इस संबंध में हॉस्पिटल के संचालक डॉ. दुग्धेश्वर साहू का कहना है कि जवान को भर्ती नहीं किया गया था। उसे ओपीडी पर्ची में दवा लिखकर दी गई थी। नई पर्ची छपवाई जा रही है, जिसमें डॉक्टरों के नाम का उल्लेख है। अस्पताल का पंजीयन नंबर भी लिखा हुआ है।
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