ख़ैरागढ़ 00 शिक्षा विभाग में गड़बड़ी थमने का नाम नहीं ले रही है। पदोन्नति में लाखों का खेल खेलने के बाद अब बैक डोर से चुपचाप संशोधन किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो अब तक 16 रिक्त पदों में से 5 में बैक डोर से संशोधन किया जा चुका है। और रिक्तियों को भरा जा चुका है। बीईओ महेश भुआर्य स्पेंडेड हैं। तो उनकी अनुपस्थिति में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय राजनादगांव के संशोधन कराया जा रहा है। गड़बड़ियों के सूत्रधार पूर्व में ही विभाग में चिन्हित किए गए लिपकीय कर्मचारी हैं। सत्ता पक्ष के कुछ नेताओ की शय पर सारा खेल खेला जा रहा है। सूत्रों की माने तो शेष 11 पदों को भी बैक डोर संशोधन से ही पदोन्नति देने की तैयारी है।
शिक्षकों की अनदेखी कर रहे हैं संगठन के पदाधिकारी
पदोन्नति के इस पूरे के खेल में शिक्षक संघों के पदाधिकारियों की गतिविधि भी पूरी तरह से संदेहास्पद रही है। संघ के पदाधिकारियों ने ही मामले में बोचौलियों की भूमिका निभाई है। करीबियों को मनपसंद जगहों पर पदोन्नति दिलाकर शेष शिक्षकों ख़ासकर महिला शिक्षकों के हितों की अनदेखी की गई है।
ख़ैरागढ़ में है ओएसडी तो राजनादगांव से व्यवस्था का संचालन क्यों ?
मामले में सबसे हास्यास्पद स्थिति ये है कि ओएसडी जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में के व्ही राव को भेजा गया है। लेकिन उनकी भूमिका सीमित रखी गई है। और समझ से परे है कि उच्चा अधिकारी के जिले में होने के बावजूद राजनादगांव से शिक्षा विभाग की अन्य व्यवस्थाओं का संचालन क्यों किया जा रहा है।
राजनीतिक और अफसर शाही के संरक्षण में निरंकुश शिक्षा विभाग
पदोन्नति सहित अन्य मामलों में शिक्षा विभाग की निरंकुशता का सबसे बड़ा कारण राजनैतिक संरक्षण हैं। उस पर भ्रष्ट अफ़सरशाही ने भ्रष्ट कर्मचारियो को हौसलों को और बुलंद कर दिया है।
बीईओ ऑफिस से कुछ नहीं हो रहा - डालेंद्र देवांगन,एबीईओ
मामले में एबीईओ डालेंद्र देवांगन का कहना है कि बीईओ ऑफिस से कुछ नहीं हो रहा है।