Chattisgarh सरकार के दूसरे बजट से जहां कुछ वर्गों में काफी खुशी है, वहीं कई वर्गों में इसे लेकर आक्रोश का माहौल हो गया है। जिनमे प्रदेश के पुलिसकर्मियों का परिवार भी शामिल है। सरकार के इस बजट में पुलिसकर्मियों के लिए कोई खास प्रावधान नहीं होने से पुलिस परिवार में नाराजगी है और सम्भावना है की जल्द ये लोग फिर आंदोलन कर सकते हैं।
पुलिसकर्मियों के परिजनों ने पूर्व की बीजेपी की सरकार के समय बहुत बड़ा आंदोलन किया था। काम के घंटे निर्धारित करने, साप्ताहिक अवकाश जैसे कई मांगों को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजनों ने धरना दिया था, जिससे रमन सिंह सरकार पर काफी प्रभाव पड़ा था। उस दौरान बडी संख्या में पुलिसकर्मियों पर कारवाई भी की गई थी।
उस समय विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने पुलिसकर्मियों के परिवारों को समर्थन देकर उनकी 11 सूत्रीय मांगों को सत्ता में आने के बाद पूरा करने का वादा किया था, लेकिन 2 बजट पेश करने के बाद भी उनकी मांगों पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया। यही नहीं जिन पुलिसकर्मियों पर कारवाई हुई थी वो भी वापस नहीं ली गई है, जिससे नाराज पुलिसकर्मियों के परिजन एक बार फिर आंदोलन की रुपरेखा तैयार कर रहे हैं।
बैठकों का दौर जारी
बिलासपुर से लेकर रायपुर तक गुपचुप तरीके से पुलिसकर्मियों के परिजनों की बैठकें हो रही है। हालांकि खुलकर ये लोग नहीं बोल पा रहे हैं कारण यही है कि इनके घरों के पुलिसकर्मियों पर कारवाई का डर है। इस मुद्दे पर बीजेपी प्रवक्ता संजय श्राीवास्तव का कहना है कि कांग्रेस ने लोगों को ठग कर ही वोट लिया और अब वादे पूरे नहीं कर रही। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता घनशयाम राजू तिवारी का कहना है कि सवा साल के कार्यकाल में जो वादे पूरे किए गए उनके अलावा बाकी कर्मचारियों के वादों पर भी सरकार द्वारा ध्यान देगी। न केवल पुलिसकर्मी बल्कि कई सरकारी कर्मचारियों का संगठन सरकार से नाराज चल रहा है और अपनी मांगों को लेकर मुखर हो रहे हैं. ऐसे में ये सभी आने वाले समय में सरकार के लिए मुसीबतें खड़ी करने वाले हैं।