दृष्टिकोण, नीयत, नीति और नेतृत्व क्षमता नहीं होने के कारण सरकार की सारी योजनाएँ औंधे मुँह धूल चाट रहीं
प्रदेश सरकार पहले मवेशियों के चारे-पानी की तो फ़िक्र करे, फिर मवेशियों को रोकने-छेकने की कोशिश करे : शर्मा
घुमंतू मवेशी प्रदेशभर की सड़कों को रोक-छेककर अफ़सरों की उदासीनता और प्रदेश सरकार के ढोंग को बेनक़ाब कर रहे
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने प्रदेश सरकार की रोका-छेका योजना को उसकी दीग़र योजनाओं की तरह सुपर फ्लॉप शो क़रार दिया है ।श्री शर्मा ने कहा कि दरअसल प्रदेश सरकार के पास किसी भी योजना के लेकर कोई स्पष्ट दृष्टिकोण तो नहीं ही है, कोई काम करने की साफ़ नीयत, सही नीतियाँ और अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए क्षमतावान नेतृत्व भी नहीं है और इसीलिए सरकार की सारी योजनाएँ औंधे मुँह धूल चाटती नज़र आ रही हैं। Also read: भूपेश कैबिनेट की बैठक में 16 हजार से अधिक शिक्षकों के संविलियन सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय
भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार काम करने के बजाय काम करने के दिखावे में ज़्यादा यक़ीन कर रही है। वादाख़िलाफ़ी, दग़ाबाजी और सियासी नौटंकियों में महारत हासिल यह प्रदेश सरकार अपनी विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने और प्रदेश को नित नई योजनाओं के नारे देकर भरमाने में लगी है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के लगभग 30 हज़ार मामले अब तक पेंडिंग पड़े हुए हैं। श्री शर्मा ने कहा कि झूठ का रायता फैलाकर अपनी वाहवाही कराने में मशगूल इस प्रदेश सरकार की रोका-छेका योजना का नारा तो दे दिया पर उसके आवश्यक संसाधनों को जुटाने पर उसका ध्यान ही नहीं है। बिना विज़न के ऐसी आधी-अधूरी तैयारियों के साथ प्रदेश सरकार झूठे आँकड़ों के सहारे नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का सिर्फ़ जुबानी जमाखर्च कर रही है। Also read: Rajasthan Politics: Congress ने सचिन को किया क्लीन बोल्ड, दो और मंत्रियों की भी छुट्टी ...
भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी योजना का हश्र इस बात की तस्दीक करता है कि प्रदेश सरकार को न तो प्रशासनिक सूझबूझ है, न प्रदेश की परंपराओं का ज्ञान है और न ही वह ज़मीन से जुड़ी हुई है। हर मोर्चे पर अपनी विफलताओं के बोझ से सिसकती प्रदेश सरकार अब अपने झूठ के मायाजाल में इस क़दर उलझ गई है कि इससे उबरने का उसे कोई मार्ग नहीं सूझ रहा है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार पहले मवेशियों के चारे-पानी के इंतज़ाम की तो फ़िक्र करे, उसके बाद मवेशियों को रोकने-छेकने की कोशिश करे।
गौठानों की बदइंतज़ामी-बदहाली के कई ज़मीनी सच से यह प्रदेश रू-ब-रू हो चुका है, तब मवेशियों को यह सरकार कैसे रोकेगी और छेकेगी? ऐसी स्थिति में आवारा मवेशी राजधानी समेत प्रदेशभर की सड़कों को रोक-छेककर अफ़सरों की उदासीनता और प्रदेश सरकार के ढोंग को बेनक़ाब कर रहे हैं, कम-से-कम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बिलासपुर में अपने काफिले के रूट में घुमन्तु मवेशियों के झुंड को देखकर इस सच के आईने में अपनी सरकार का अक़्स देख लेना चाहिए था। Also read: Rajasthan Politics: Congress ने सचिन को किया क्लीन बोल्ड, दो और मंत्रियों की भी छुट्टी ...
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