खैरागढ़. एक सूत्रीय मांग को लेकर पंचायत सचिवों के हड़ताल को समर्थन देने के लिए गुरुवार को पहुंचे जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कहा कि पंचायती राज को लागू करने में जनप्रतिनिधियों से बड़ा योगदान पंचायत सचिवों का है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि पंचायत सचिवों के इस योगदान को देखते हुए उनकी मांगें मान लेनी चाहिए और दो साल पूरा कर चुके पंचायत सचिवों को नियमित सरकारी कर्मचारी बनाने की घोषणा करनी चाहिए।
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विंक्रांत बोले, ‘पंचायत सचिव की मांग एक सूत्रीय है, भाजपा उसका खुला समर्थन करती है। हम यहां राजनीति करने के हिसाब से बिल्कुल उपस्थित नहीं हुए हैं। पांच साल जनपद के अध्यक्ष बतौर काम करने का मौका मिला था। तब पंचायत राज को बहुत गहराई तक समझने का अवसर मिला। एक जन प्रतिनिधि होने के नाते इस बात को मैं मंच के माध्यम से स्वीकार कर सकता हूं कि पंचायत राज को सफल बनाने के लिए जितना योगदान जनप्रतिनिधियों का है, उससे बड़ा पंचायत सचिवों का है।’
विक्रांत बोले, ‘केंद्र की योजना हो या राज्य की, जमीनी स्तर पर इसके क्रियान्वयन का श्रेय यदि किसी को जाता है तो वे पंचायत सचिव ही हैं। पंचायत सचिवों की ये मांग कि दो साल में आप लोगों को रेग्यूलर सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए, इस पर सरकार को उचित निर्णय लेना चाहिए। मुझे मन से लग रहा है कि सरकार आपकी मांगें मान लेगी।’
प्रदर्शन स्थल पर जिला पंचायत सदस्य घम्मन साहू, मंडल अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, पूर्व मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र जैन, नगर पालिका उपाध्यक्ष रामाधार रजक, सूर्यदमन सिंह, आलोक श्रीवास, नरेंद्र श्रीवास, सीएस यादव, विनय देवांगन, शेष यादव आदि मौजूद रहे।
एक दिन पहले पहुंचे थे कांग्रेसी भी
हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिवों से मिलने के लिए एक दिन पहले बुधवार को ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष यशोदा निलांबर वर्मा भी पहुंची थीं। उन्होंने संघ पदाधिकारियों व सचिवों से मिलकर उनका हालचाल जाना। इस दौरान निलांबर वर्मा, जनपद सभापति हिमांचल सिंह राजपूत, जनपद सदस्य दिनेश वर्मा भी मौजूद रहे। कांग्रेसियों ने भी पंचायत सचिवों की मांग का नैतिक समर्थन किया।
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