नईदिल्ली. देश में बढ़ रहे कोरोना के मामलों और तेजी से उभर हॉटस्पॉट को देखते हुए अब सख्त कार्रवाई के संकेत मिले हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने संक्रमित जमातियों और उन्हें संरक्षण देने वालों के खिलाफ आईपीसी की सख्त धारा 304 के तहत मामला दर्ज करने की तैयारी कर ली है। इसके तहत 10 साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है।
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दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगल जमात के मरकज मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच अब छापेमारी कार्रवाई कर रही है ताकि फरार संक्रमित जमातियों को पकड़ा जा सके। बताया गया कि मरकज से निकले जमाती इधर-उधर चोरी छिपे रह रहे हैं।
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इस तरह वे जहां हैं, वहां के लोगों को तो कोरोना संक्रमण का खतरा है ही, आसपास के इलाके भी सुरक्षित नहीं हैं। इसके बाद भी वे मरकज से आने की बात छिपाकर गलत जानकारी देकर रह रहे हैं। ऐसी लापरवाही को देखते हुए क्राइम ब्रांच धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने जा रही है।
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जानिए क्या है धारा-304 :अगर किसी व्यक्ति पर किसी के वार करने या फिर उसकी किसी हरकत से किसी को नुकसान पहुंचा हो और बाद में इसके कारण उसकी मौत भी हो गई हो तो ऐसे हालात में धारा 304 लगाई जाती है। धारा 304 का केस केवल और केवल आरोपी की नीयत के आधार पर बनाया जाता है।
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मरकज में दो बार छापेमारी कर चुकी है टीम
कोरोना संक्रमण का खतरा होने के कारण क्राइम ब्रांच और फॉरेंसिक टीम ने हजमत सूट पहनकर दो बार छापेमारी बर चुकी है। वहां वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी कराई जा चुकी है। मरकज में रखे दस्तावेज की जांच की गई और मौके से कई दस्तावेजों बरामद भी किए गए। जांच अधिकारियों का कहना है कि अभी पुलिस उन लोगों की सूची तैयार कर रही है, जो 1 से 28 मार्च तक मरकज में ठहरे थे या उनके संपर्क में आए।
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