ठंडी पड़ी Khairagarh की सियासत, जुबानों पर लगे ताले, पीड़ितों के बांड एकत्र कर चिटफंड कंपनी के खिलाफ जानकारी इकट्ठा कर रही पुलिस।
खैरागढ़. रकम दुगुनी करने के नाम पर लोगों से लाखों ऐंठने वाली कंपनी के डायरेक्टर कमलेश कोठले समेत चार आरोपी जेल में हैं। मास्टर माइंड तरुण साहू सहित अन्य तीन की तलाश जारी है। पीड़ितों से सर्वोदय मल्टीट्रेड लिमिटेड कंपनी के बांड भी इकट्ठे किए जा रहे हैं। पूछताछ से पता चला कि माइक्रो इन्वेस्टमेंट ने रोज कमाने खाने वालों का सपना चकनाचूर कर दिया है। Also read: नपा के नेता प्रतिपक्ष कोठले (Kothale) सहित चार गिरफ्तार, तीन फरार, थाना घेरने पहुंचे भाजपाई
ढिमरिन कुआं में होटल का व्यवसाय करने वाले अमलीडीह निवासी दीपेश साहू से किस्तों में 10 लाख 40 हजार ठग लिए गए। उन्होंने सबसे पहले 30 अप्रैल 2015 को पांच लाख रुपए एक साल के लिए फिक्स डिपॉजिट (Fix Diposite) किए। जैसे ही 2016 में मैच्योरिटी (Maturity) की तारीख आई उन्हें बातों में उलझाकर वही राशि दोबारा फिक्स डिपॉजिट करवा दी गई। इसके अलावा 31 मार्च 2015 से रोज 1500 रुपए आरडी के लिए लेते रहे, जो 30 सितंबर 2016 को मैच्योर होनी थी। Also read: मंडल अध्यक्ष ने ठगी के रुपयों से खरीदी जमीन, भाई के नाम की रजिस्ट्री, रायपुर के Magnato Mall में भी बुक कराया था Complex
दीपेश का कहना है कि दिनभर भजिया-समोसा बेचकर कर तिनका-तिनका जोड़ रहा था ताकि मकान बनवा सकूं। मेरा सपना और भरोसा दोनों एक झटके में तोड़ दिया। राजकुमार साहू और गुलाब वर्मा के पास रुपए जमा किया करता था। वे ही आते थे। आश्वासन भी दिया था, चार साल पहले ही 14-15 लाख रुपए मिल जाने थे, लेकिन एक पैसा नहीं मिला। मूलधन ही वापस मिल जाए तो तसल्ली मिले।
दर्जी का तो चेक ही बाउंस हो गया
पिपरिया में दर्जी का व्यवसाय करने वाले परमानंद पटेल की तीन लड़कियां हैं। उन्हीं की पढ़ाई-लिखाई के लिए रुपए जमा करने निवेश की प्लानिंग की थी। वे कहते हैं कि लड़कियों का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए मैंने तकरीबन 50 हजार रुपए जमा किए थे। एजेंट नंद पटेल के लिए 30-40 ग्राहकों से वसूली का भी काम किया करता था। मेरी पॉलिसी मैच्योर होने पर चार साल पहले चेक भी दिया गया था, लेकिन वह बाउंस हो गया। Also read: जिला पंचायत उपाध्यक्ष पर Congress का पलटवार, कोठले ही है जिम्मेदार, माफी मांगे विक्रांत
कमलेश कोठले ने दिलाया था भरोसा
पिपरिया निवासी यशवंत कोठले ने बताया कि उसके पिता ज्ञानित कोठले की साइकिल की दुकान है। उन्होंने तकरीबन साढ़े तीन लाख रुपए जमा किए थे, एकमुश्त एक लाख और किस्तों में 1500 से 4500 रुपए महीना। एजेंट नंद पटेल की मृत्यु के बाद राजकुमार साहू ने आश्वस्त किया था कि पैसा कहीं नहीं जाएगा। इसलिए अप्रैल 2016 तक पूरी रकम जमा किए। इसके बाद भी पैसा नहीं मिला। कुछ दिनों बाद जब पता चला कि जमीन कमलेश कोठले के नाम की गई है, तो उनसे रकम वापसी की गुहार लगाने पहुंचे। कमलेश ने आश्वस्त किया था कि जमीन बेचने के बाद उनकी रकम वापस मिल जाएगी। बाद में बोले कि जमीन बेचकर मिलने वाला पैसा हमें ही पूरा नहीं पड़ेगा। Also read: Khairagarh में अंधा मोड़ है माना, दुकान-मकान हटाने दिए 25 लाख, Drawing-Design में हुई गड़बड़ी...
व्यवसाय को आगे बढ़ाने की थी प्लानिंग
पिपरिया के निवासी मदन कोठले का कहना है कि वह हर महीने 700 रुपए जमा कर रहा था ताकि मैच्योरिटी की रकम मिलने के बाद पेंटिंग के व्यवसाय को आगे बढ़ा सकूं। तकरीबन 33 हजार रुपए जमा किए था और 50 हजार तक मिलना था। फिलहाल थाने में बांड जमा कराए हैं। Also read: रायपुर IB दफ्तर में भी कोरोना वायरस ने दी दस्तक, डिप्टी डायरेक्टर सहित 9 लोग हुए संक्रमित
सहारा से मिला पैसा बिना बताए किया निवेश
यशवंत और परमानंद ने बताया कि नंद पटेल नामक व्यक्ति पहले सहारा में काम करता था। पिपरिया के 50-60 लोगों ने उसी से बीमा कराया था। उसी ने सहारा से मिली रकम बिना बताए माइक्रो इन्वेस्टमेंट में डाला। उसकी मृत्यु के बाद राजकुमार साहू ने रकम को लेकर आश्वस्त किया था, लेकिन कुछ भी नहीं मिला।
कोठले की गिरफ्तारी के बाद छिड़ी थी जुबानी जंग
मंडल अध्यक्ष कमलेश कोठले की गिरफ्तारी के बाद खैरागढ़ की सियासत में जुबानी जंग छिड़ी थी। जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने पुलिसिया कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया था और कांग्रेस के अध्यक्ष रज्जाक खान और भीखम छाजेड़ ने कमलेश को ही जिम्मेदार ठहराया था। पीडि़तों का पक्ष जानने कोई नहीं पहुंचा। हालांकि दोनों ही पार्टी के नेताओं ने ये जरूर कहा था कि दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। Also read: मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालयों का संचालन 6 अगस्त तक बंद रहेगा