जगन्नाथ सेवा समिति के स्वयंसेवक श्रमदान से कर रहे बगरन पाठ का जीर्णोद्धार
छुईखदान. नवरात्र से पहले नगर के बगरन पाठ वैष्णव देवी मंदिर को नया स्वरूप मिल रहा है। मंदिर की दीवारों से लेकर चट्टानों में रंग चढ़ाया जा रहा है। और ये पूरा रंगरोगन ठेके से नहीं बल्कि श्रमदान से हो रहा है। जगन्नाथ सेवा समिति ने मंदिर के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है। रोज़ाना सुबह से स्वयं सेवक रंगों से पूरे मंदिर परिसर को सराबोर कर रहे हैं,इससे पहले बीते रविवार को मंदिर परिसर में पौधारोपण किया गया था और रंगरोगन की कार्ययोजना पर चर्चा की गई थी। भविष्य में मंदिर के आसपास बने हुए उद्यान और दीवारों को भी व्यवस्थित करने की कार्ययोजना बनाई गई है। मंदिर रँगरोगन के कार्य में सबसे ज्यादा युवाओं की भागीदारी सामने आ रही है। और उसमें भी नगर की लड़कियां अपना सक्रिय योगदान दे रही हैं।

मिल रहा नया स्वरूप
समिति के अध्यक्ष ज्ञान यादव ने बताया कि समिति की भागीदारी से मंदिर परिसर को नया स्वरूप मिल रहा है। सभी के सहयोग से कोरोना काल के बाद होने रहे नवरात्रि में दूर - दूर से श्रद्धालूओं के आने की संभावना है।
निखर रहा स्वरूप
समिति के प्रमुख संजीव दुबे ने बताया कि मंदिर की स्थापना साल 1997 - 98 में पंडित रामकुमार शर्मा के मार्गदर्शन में हुआ था। मंदिर में अभी कुल ढाई सौ के आसपास ज्योति कलश प्रज्वलित होते हैं। मंदिर में नगर वासियों की आस्था को देखते हुए जन सहयोग से जीर्णोद्धार का लक्ष्य रखा गया था। चट्टानों में हुए रँगरोगन की वजह से मंदिर का अलग ही स्वरूप निखर रहा है।
स्वयंसेवकों में ये हैं शामिल
नियमित रूप से श्रमदान में भागीदारी निभा रहे लोगों में आदित्य देव वैष्णव, शरद श्रीवास्तव, संजय महोबिया, जे के वैष्णव,मनोज चौबे, मधुकर महोबिया सहित अन्य शामिल हैं।