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पूर्व पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र पर विधायक प्रतिनिधि मनराखन ने फिर साधा निशाना, कहा - भुगतान के लालच में ही बदली पार्टी Featured

परिषद की बैठक में भाजपा पार्षदों के बहुमत के आधार पर वर्मा के पुराने भुगतान का प्रस्ताव पारित


खैरागढ़. नगरपालिका में बुधवार को आयोजित सामान्य सभा की बैठक में पुराने भुगतान को लेकर एक बार फिर पूर्व नगरपलिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा पर विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने निशाना साधा। मनराखन ने साफ तौर पर कहा कि आज जिस भुगतान का प्रस्ताव पारित कराने का प्रयास हो रहा है। उसी के लालच में पूर्व पालिका अध्यक्ष ने पार्टी बदली थी। कभी इसी भुगतान पर 22 सितंबर की बैठक में तत्कालीन लोनिवि के सभापति विनय देवांगन को आपत्ति थी। लेकिन आज उसी भुगतान को लेकर सत्ता पक्ष के तमाम पार्षद सहमति जता रहे हैं। यह दुर्भाग्य जनक है। लेकिन कॉंग्रेस पार्टी इस तरह के कृत्य में सहमत नहीं है। मनराखन ने शैलेन्द्र वर्मा का नाम लिए बिना कहा कि सदन में वरिष्ठ लोग मौजूद हैं, जिनकी पार्टी व विचार के प्रति आस्था होती है। पर इनकी आस्था किसी पार्टी के प्रति नहीं है। चर्चा के बाद वार्ड क्रमांक 02 में हुए उक्त कार्य के भुगतान का प्रस्ताव बहुमत के आधार पर पारित किया गया। जिसमें भाजपा के सभी पार्षदों के साथ कांग्रेस के धनेली वार्ड के पार्षद पुरुषोत्तम वर्मा ने भी अपनी सहमति भुगतान किए जाने के पक्ष में दी। दर स्वीकृति के बिना वार्ड क्रमांक 2 में उक्त काम को किया गया था। परिषद की बैठक में पालिका अध्यक्ष गिरिजा चंद्राकर व समस्त पार्षद गण मौजूद रहे।

दबा दी जाती है फ़ाइल

मनराखन ने कहा कि पालिका में अजीब स्थिति है। ऐसा लगता है कि पालिका में तमाम कार्य पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष की गलतियां सुधारने के लिए किया जा रहा है। पार्षद चंद्रशेखर यादव ने कहा कि बैठक में निर्माण से जुड़ा एक भी विषय नहीं है।मनराखन ने कहा कि 2 सालों में शासन प्रशासन के पैसे के दुरूपयोग और बंदरबाट के अलावा कुछ नहीं हो रहा है। फ़ाइल दबा जाती है ताकि भ्रष्टाचार सामने ना आए। सिर्फ भुगतान के लिए पार्टी बदलने वाला व्यक्ति आज सदन के उस पार बैठा है।

ठेकेदारों की नहीं गलती

मामले पर सीएमओ नरेश वर्मा ने बैठक में सफाई देते हुए कहा कि गलती की वजह से दरों को एक जैसा लिख दिया गया था। जिसकी वजह से स्थिति निर्मित हुईं। पर इसमें ठेकेदारों की गलती नहीं है। सीएमओ ने प्रस्ताव को पढ़कर बताया कि यह सही है कि 22 सितम्बर 2023 की बैठक में उक्त निविदा निरस्त करने का प्रस्ताव पारित हुआ था। लेकिन वह एक चूक की वजह से हुआ था। टिकरापारा के पार्षद चंद्रशेखर यादव ने कहा कि यदि किसी प्रस्ताव पर पूर्व में निर्णय आ चुका है तो उसे पुनः परिषद में नहीं रखा जाता है।

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