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आँगनबाड़ी केन्द्रों में भ्रष्टाचार और लापरवाही का खुला खेल, प्रशासन मौन Featured

खैरागढ़. खैरागढ़ जिले के ग्रामीण अंचलों में संचालित आँगनबाड़ी केन्द्रों में भ्रष्टाचार, लापरवाही और प्रशासनिक मिलीभगत का गंभीर मामला उजागर हुआ है। जिला पंचायत सभापति भुनेश्वरी जीवन देवांगन द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में यह सामने आया कि कई आँगनबाड़ी केंद्र महीनों से बंद हैं, लेकिन पोषण आहार, रेडी-टू-ईट वितरण और उपस्थिति की फर्जी एंट्रियां लगातार हो रही हैं।

जिला पंचायत सभापति भुनेश्वरी जीवन देवांगन ने कलेक्टर महोदय से तत्काल विस्तृत जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है। 

जमीनी हकीकत — ताले जड़े, पर खर्च चालू

 

ग्राम मरकामटोला के आँगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 01 और ग्राम छेछानपहरी के आँगनबाड़ी केंद्र में निरीक्षण के दौरान ताला लगा पाया गया, जबकि रजिस्टर और पोषण ट्रैकर ऐप में दैनिक उपस्थिति और भोजन वितरण की फर्जी रिपोर्टिंग दिखाई गई है।

 

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह स्थिति कई महीनों से बनी हुई है, लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी आंख मूंदकर बैठे हैं। सेक्टर सुपरवाइजर ज्योति राठौर पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने इन बंद केंद्रों को संरक्षण देकर सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग किया है।

 

पोषण ट्रैकर ऐप बना भ्रष्टाचार का औजार

निरीक्षण में सामने आया है कि ऐप में बच्चों की 100% उपस्थिति दर्ज की जा रही है, जबकि 25% बच्चे भी केंद्रों में उपस्थित नहीं होते। यह स्पष्ट करता है कि सरकारी योजनाओं के नाम पर लाखों रुपये की बंदरबांट की जा रही है।

 

भोजन फर्जी, रजिस्टर नकली

गर्म नाश्ता, भोजन और रेडी-टू-ईट वितरण की प्रत्येक दिन एंट्री की जा रही है, जबकि धरातल पर कोई वितरण नहीं हो रहा। यह न केवल शासन की योजनाओं के साथ धोखा है, बल्कि गर्भवती माताओं और बच्चों के पोषण के अधिकार का खुला उल्लंघन है।

 

भ्रष्टाचार का इतिहास — फिर भी चुप्पी

पूर्व में भी इस सेक्टर में गर्म भोजन वितरण में फर्जीवाड़े की पुष्टि जांच में हो चुकी है, लेकिन न तो सुपरवाइजर पर कार्रवाई हुई और न ही जिम्मेदार अधिकारियों पर। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक संरक्षण के बिना इतना बड़ा भ्रष्टाचार संभव नहीं है।

 

प्रशासनिक निष्क्रियता से जनता आहत

क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि जब हर स्तर पर शिकायत और साक्ष्य देने के बावजूद कार्यवाही नहीं होती, तो यह जनहित की योजनाओं को मजाक बना देता है।

लगातार भ्रष्टाचार की शिकायत आ रही थी जिस पर मंगलवार को आंगनबाडियों का औचक निरीक्षण किया गया जिसमें भ्रष्टाचार की पुष्टि भी हो गई। जल्द ही महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग का पुराने गर्म भोजन के मामले पर भी दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुआ यह जानकारी लूंगा।

भुनेश्वरी जीवन देवांगन, जिला पंचायत सभापति केसीजी

 

 

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