छोटे अंतर से बड़ी जीत हासिल करने वाले नए विधायक देवव्रत सिंह के सामने उन्हीं के उठाए मुद्दों पर कार्रवाई की चुनौतियां हैं, जिस पर उन्हें खरा उतरना ही होगा। इनमें से एक है 11 करोड़ के नए पुल की ड्राइंग डिजाइन में बदलाव के बाद अमलीपारा में बना अंधा मोड़ और दूसरा उसी पुल से डीएफओ बंगले तक सड़क चौड़ीकरण में टूटे मकानों के एवज में मुआवजा। भविष्य को देखते हुए नदियों को प्रदूषण और अतिक्रमण से बचाना भी एक बड़ी चुनौती है।

नियाव@ खैरागढ़
नगर के लोग परेशान हैं। खुद जोगी कांग्रेस ने इन दोनों ही समस्याओं को लेकर कई बार प्रदर्शन किए, लेकिन नतीजा शून्य रहा। खुद देवव्रत ने मौका मुआयना कर पुल की तकनिकी खामियां पकड़ीं थीं। वे जान रहे हैं कि ड्राइंग-डिजाइन बदलकर ग्रेडिएंट से खिलवाड़ किया गया है।
एक मकान को बचाने सेतु संभाग के इंजीनियरों ने ये साजिश रची। ऐसा ही हाल कवर्धा की ओर जाने वाली मुख्य सड़क का भी है। इस पर से विधायक को भी रोज गुजरना है। भाजपा, कांग्रेस और जोगी कांग्रेस के पार्षद व नेता इस घटिया सड़क को लेकर कई शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन नगर पालिका केवल नोटिस देकर खानापूर्ति कर रही है। हालही में दिए गए नोटिस की मियाद पूरी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
नदियों को बचाने ड्रेनेज सिस्टम की जरूरत / आमनेर, पिपरिया और मुस्का की त्रिवेणी में नगर के 20 वार्डों का गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। इसकी वजह से नदियां प्रदूषित हो रही हैं। ऐसे में एक बेहतर ड्रेनेज सिस्टम की जरूरत है ताकि नालियों का गंदा पानी फिल्टर होकर नदियों में बहाया जाए। नदी किनारे से अतिक्रमण हटाने की भी जरूरत है।
प्रधानपाठ बैराज में अभी भी जारी है भ्रष्टाचार / मुढ़ीपार से लगे लक्षना के जंगल में 59 करोड़ की लागत से बने प्रधानपाठ बैराज में भ्रष्टाचार उजागर होने के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है। देवव्रत खुद कह चुके हैं कि जहां बांध बनना था, वहां बैराज बना दिया गया। क्षेत्रवासियों को उम्मीद है कि विधानसभा में यह मुद्दा गरमाएगा।
अस्पताल पर ध्यान देने की जरूरत / सिविल अस्पताल की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। स्टाफ है नहीं और बिल्डिंग का भी हाल बुरा है। इलाज के लिए प्रॉपर इक्यूपमेंट भी नहीं हैं। ऐसे में मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है। जोगी कांग्रेस के नेताओं ने इसे लेकर भी प्रदर्शन किए थे।
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