बैल दौड़ देखने जुटी विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को भुनाने सांसद और विधायक दोनों ने तत्परता दिखाई। समिति ने मैदान सुधारने पांच लाख रुपए मांगे तो सांसद अभिषेक सिंह ने तीन लाख देने की घोषणा कर दी। विधायक गिरवर जंघेल भी माहौल भांप गए। इतनी ही राशि देने का एेलान उन्होंने भी कर दिया। नेताओं की इस स्पर्धा का फायदा ये हुआ कि समिति को मांग से एक लाख अधिक मिला।
नियाव@ खैरागढ़
संगीत नगरी का पोला उत्सव देखने के लिए हर साल पूरे विधानसभा क्षेत्र के लोग जुटते हैं। इस बार भी ऐतिहासिक फतेह मैदान का मिनी स्टेडियम खचाखच भरा दिखा। मंच पर अतिथियों के आगमन बाद पोला उत्सव समिति के सचिव प्रबल खत्री ने कहा कि मैदान के लिए करोड़ों आए, लेकिन स्थिति जस की तस है। इसकी मरम्मत कराने के लिए उन्होंने सांसद और विधायक के सामने पांच लाख रुपए की मांग रखी। ये भी कहा कि ये राशि किसी सरकारी एजेंसी को न देकर समिति को दी जाए। सांसद अभिषेक सिंह ने कहा कि ऐतिहासिक फतेह मैदान के तीनों तरफ के स्टेडियम का स्वरूप मुख्यमंत्री जी की देन है। मांग के अनुरूप मैदान के लिए घोषित राशि समिति को ही दी जाएगी। वे अपने अनुसार मैदान में सुधार कार्य करवाएंगे।
मंच पर ये अतिथि रहे मौजूद
मंच पर सांसद अभिषेक सिंह, विधायक गिरवर जंघेल, पंडरिया विधायक, कवर्धा विधायक अशोक साहू, डोंगरगढ़ विधायक सरोजनी बंजारे, जनपद अध्यक्ष विक्रांत सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष मीरा चोपड़ा, उपाध्यक्ष रामाधार रजक, पूर्व विधायक कोमल जंघेल, विनोद खांडेकर आदि मौजूद रहे।
पहले बैल दौड़े, फिर लोगों को दौड़ाया
स्पर्धा पहला राउंड शुरू हुआ तो बैल दौड़े। दूसरे और तीसरे राउंड में उत्साह बढ़ा। लोग मैदान के भीतर घुस आए। मंच से जफर हुसैन खान समझाइश देते रहे पर कोई नहीं माना। फाइनल राउंड में प्रतियोगियों ने पूरी ताकत झौंकी। बैल बेकाबू हुए तो लोगों को भी दौड़ाया। हालांकि किसी को चोट लगने की खबर नहीं है।
56 साल से लगातार जारी है स्पर्धा
पोला उत्सव की शुरुआत स्व. सुंदरलाल साय ने 1962 में की थी। उनके पुत्र राम साय गुप्ता और पोते विजय गुप्ता ने इसे आगे बढ़ाया। किसी कारणवश 1981 में आयोजन नहीं हुआ तो दूसरे साल 1982 से पोला उत्सव समिति और न्यू दंतेश्वरी स्पोर्टिंग क्लब ने इसकी कमान संभाल ली।
बुधलाल के बैल रहे अव्वल
बैल दौड़ में 45 जोड़ियों ने हिस्सा लिया। चार राउंड खत्म हुई इस स्पर्धा में पिपरिया के बुधलाल पटेल के बैल अव्वल रहे। दूसरा स्थान सर्रागोंदी के नंदन पटेल को मिला। तीसरे नंबर पर पिपरिया के हेमंत पटेल रहे। स्वस्थ बैल के लिए मुस्का के विनोद को पुरस्कार मिला और सजावट का इनाम ले गए अमलीडीहकला के लालाराम वर्मा।