पूर्व कुलपति प्रमुख सितार वादक पं. बिमलेंदु मुखर्जी की स्मृति में तीन प्रमुख शहरों में उस्ताद शाहिद परवेज, आरती अंकलीकर और उल्लास कशालकर सहित कई प्रमुख संगीत गुरूओं की लगेगी क्लास।
नियाव@ खैरागढ़
संगीत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रमुख सितार वादक पं. बिमलेंदु मुखर्जी की स्मृति में बिमलअर्पण संगीत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। टीम भिलाई एंथम एंड वेलफेयर सोसायटी भिलाई की ओर से खैरागढ़, भिलाई और रायपुर (केबीआर) में 11, 12 और 13 जनवरी को कार्यक्रम होंगे। खैरागढ़ विश्वविद्यालय में नाट्य विभाग के सभागार से इसकी शुरुआत होगी।
सभागार में सुबह 10 बजे से प्रख्यात संगीतज्ञ पंडित अजय चक्रवर्ती का व्याख्यान होगा। वहीं शाम को प्रभंजय चतुर्वेदी का भजन, साधना रहटगांवकर की गजल, अवनींद्र शिवलीकर का सितार वादन और पंडित अजय चक्रवर्ती का गायन होगा। इस्पात नगरी भिलाई में अपनी सुदीर्घ सेवा देने वाले पंडित बिमलेंदु मुखर्जी की स्मृति में आयोजित इस महोत्सव में देश के शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र के दिग्गज कलाकार ना सिर्फ अपनी परफारमेंस देंगे बल्कि संगीत से जुड़े विभिन्न पहलुओं को लेकर सुधीजनों से बातचीत भी करेंगे।
दो बार कुलपति रहे हैं पं. मुखर्जी / इमदाद खां घराने से ताल्लुक रखने वाले स्वर्गीय मुखर्जी वरिष्ठ संगीतज्ञ होने के अलावा भिलाई स्टील प्लांट के खदान विभाग के महाप्रबंधक रहे। संगीत विवि में दो बार कुलपति की जिम्मेदारी भी संभाली। आयोजन समिति की प्रमुख सुस्मिता बसु मजुमदार ने बताया कि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़, आईटीसी संगीत रिसर्च अकैडमी और साउथ सेंट्रल जोन कल्चरल सेंटर नागपुर यह आयोजन कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय के कलाकार भी लेंगे हिस्सा / इनके साथ ही रायपुर में होने वाले कार्यक्रम के दौरान इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के कलाकार, पंडित अश्विन वर्मा और शुचिस्मिता दरीपा भी अपनी प्रस्तुति देंगे। श्रीमती मजुमदार ने बताया कि अंचल में अपनी तरह का यह पहला क्लासिकल और सेमी क्लासिकल संगीत महोत्सव है।
जानिए कब, कहां और कौन से कलाकार देंगे प्रस्तुति
11 जनवरी: इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय नाट्य विभाग में सुबह 10 बजे अजय चक्रवर्ती का व्याख्यान। शाम को प्रभंजय चतुर्वेदी के भजन और साधना रहटगांवकर की गजलें सुनने को मिलेंगी।
12 जनवरी: भिलाई इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) दुर्ग के सभागार में सुबह 10 बजे प्रख्यात गायिका आरती अंकलिकर टिकेकर का व्याख्यान होगा। शाम को मधुजा मुखर्जी का भजन, डॉ. प्रभाकर-डॉ. दिवाकर (कश्यप बंधु) का गायन, परमानंद राय का बांसुरी वादन, आरती अंकलिकर टिकेकर का गायन और उस्ताद शाहिद परवेज का सितार वादन होगा।
13 जनवरी: छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग के रायपुर स्थित मुक्ताकाश मंच पर शाम 5 बजे से अर्चिता दीनानाथ भट्टाचार्जी की ठुमरी, अभिषेक लाहिरी का सरोद, अनल चटर्जी का गायन, यशवंत वैष्णव का तबला, सुखद मानिक मुंडे की पखावज जुगलबंदी और पंडित उल्हास कशालकर का गायन होगा।
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