नियाव@ खैरागढ़
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में 1973 से 1986 तक छात्र जीवन जीने वाले छात्र 40 साल बाद एक बार फिर अपनी यादें ताजा करने इकट्ठा हुए हैं। इनमें से ज्यादातर ने 60 की उम्र पार कर ली है। कोई नामी चित्रकार है तो कोई व्यापारी। हरेक के पास उनका अपना अनुभव है।
इस एलुमनी मीट में शामिल होने के लिए दिल्ली, मुंबई, मध्यप्रदेश, झारखंड, इंदौर के अलावा एक भूतपूर्व छात्र मॉरीशस के भी हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से उनके रहने-खाने की व्यवस्था की जा रही है। हालांकि इसके लिए भूतपूर्व छात्रों के इस ग्रुप ने निर्धारित राशि भी दी है।
मुंबई निवासी चित्रकार रत्नाकर ओझा ने इस एलुमनी मीट के बारे में बताया कि शुरुआत वाट्सएप ग्रुप से हुई। इसमें 1973 से 1986 बैच के साथी जुड़ते चले गए। वाट्सएप में शेयरिंग हुई। बातचीत का दौर चला और बातों ही बातों में एलुमनी मीट की परिकल्पना तैयार हुई। इसी ग्रुप में शामिल दुर्ग निवासी तृप्ति सिंह ने कुलपति प्रो. मांडवी सिंह से बात कर कार्यक्रम की रूपरेखा तय की। तारीख तय हुई और सभी पहुंच गए।
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