खैरागढ़. पुण्यश्लोक महारानी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर शासकीय नवीन महाविद्यालय ठेलकाडीह में एक विचारोत्तेजक चर्चा एवं गोष्ठी का आयोजन सोमवार, 26 मई 2025 को किया गया। यह आयोजन नारी सशक्तिकरण, धार्मिक पुनर्जागरण और सामाजिक सुधार में अहिल्याबाई के अतुलनीय योगदान को स्मरण करने एवं वर्तमान पीढ़ी को उनके विचारों से जोड़ने के उद्देश्य से किया गया।
गोष्ठी के मुख्य वक्ता रहे विधानसभा डोंगरगढ़ के संयोजक घम्मन साहू, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से देशभर में रानी अहिल्या बाई होलकर की जयंती मनाने की परंपरा को एक राष्ट्रीय सम्मान बताया। उन्होंने रानी साहेब के काशी विश्वनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार सहित विभिन्न मंदिरों के निर्माण एवं हिंदू संस्कृति की रक्षा में उनके योगदान पर प्रकाश डाला।
वक्ताओं ने अहिल्याबाई के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विचार रखे
भोज बंजारे ने उन्हें नारी सशक्तिकरण की प्रतीक, दयालु, ओजस्वी और प्रजावत्सला शासिका बताया। टीलेश्वर साहू ने सती प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ उनके संघर्ष को रेखांकित किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय श्रीवास्तव, प्रो. एल.सी. सिन्हा, प्रो. साहू एवं प्रो. माशिहारे सहित महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी रानी अहिल्या बाई होलकर के जीवन, आदर्शों और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि अहिल्या बाई होलकर का जीवन आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है और उनके विचारों को घर-घर पहुंचाने की आवश्यकता है।इस दौरान भुनेश्वरी जीवन देवांगन (जिला पंचायत सदस्य), श्यामसुंदर साहू, जीवन देवांगन, भुवन वर्मा, योगेंद्र पाल, नारायण साहू, महेश पाल, संतोष जैन, एवन विश्वकर्मा, उदय वर्मा, संतराम साहू, देवानंद वर्मा, दादू देवांगन, ललित जैन, ध्यान चंद बाफना, संतोष टंडन, नेमदास साहू सहित अनेक गणमान्य नागरिक शामिल थे।