प्रचार में उतरे रिश्तेदार / मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, प्रत्याशियों के साथ उनके रिश्तेदारों की सक्रियता भी बढ़ रही है। देवव्रत सिंह का प्रचार करने उनकी बहन स्मृति जबलपुर से खैरागढ़ पहुंचीं। वहीं गिरवर जंघेल की बेटी भुनेश्वरी ने भी हैदराबाद से आकर पिता के लिए समर्थन जुटा रही हैं।
नियाव@ खैरागढ़
खैरागढ. हैदराबाद से आई गिरवर की बेटी भुनेश्वरी।
1. पांच दिन बाद मतदान है। ज्यादातर कार्यकर्ता परिवार के दिवाली की तैयारी में जुट गए। पार्टी से जुड़े व्यापारियों ने धनतेरस से लक्ष्मी पूजा तक तीन दिन की छुट्टी ले ली। पर्व पर ऐसी संभावनाओं को देखते हुए तीनों पार्टी के प्रत्याशियों ने अपने रिश्तेदारों को प्रचार की कमान सौंप दी। बहु-बेटियों को मैदान में उतार दिया। इससे पहले उन्हें प्रॉपर ट्रेनिंग भी दी गई है।
बेटे ने संभाला प्रबंधन और बहु ने प्रचार की कमान
2. अब मतदाताओं से समर्थन मांगने रिश्तेदार सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी गिरवर जंघेल की बेटी भुनेश्वरी हैदराबाद से आकर पिता के लिए समर्थन मांग रही है। सलोनी में जनसंपर्क के दौरान उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि उनके पिता किसान हैं और वे किसानों का दर्द समझते हैं। कांग्रेस सरकार बनी तो किसानों का कर्जा माफ करेगी।
3. गिरवर के बेटे लिलेंद्र ने सारा मैनेजमेंट संभाल रखा है। बड़ी भाभी फलकैना बाई गांव-गांव जाकर बुजर्गों और महिलाओं से संपर्क साध रही हैं। गिरवर की साली चमेली बाई, बहु संगीता जंघेल भी उनके साथ मोर्चा संभाल लिया है। मौजी, कामदेव और सूरज जंघेल के साथ भांजे कमलेश व रोशन भी दौरे पर हैं। दामाद भूपेंद्र लिलरिया ने भी मोर्चा संभाल रखा है।
खेरागढ़. जबलपुर से आई देवव्रत की बहन स्मृति सिंह मतदाताओं से बात करते हुए।
बेटियों को लेकर मतदाताओं को साधने निकलीं विभा भी
4. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रत्याशी देवव्रत सिंह के पक्ष में प्रचार के लिए जबलपुर से आई उनकी बहन स्मृति सिंह ने शहर के खम्हरिया वार्ड में जन संपर्क किया। दो-तीन दिनों तक लगातार मतदाताओं के बीच उन्होंने अपने पूर्वजों को याद किया। मां स्व. रश्मि देवी के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई और देवव्रत के व्यक्तित्व को सामने रखा।
5. देवव्रत की पत्नी विभा सिंह अपनी दोनों बेटियों के साथ जनसंपर्क कर रही हैं। दाऊचौरा में उन्होंने कहा- बाबा साहब को अपने दादा-दादी की तरह महल से प्यार नहीं है। वे छोटे से घर में रहना चाहते हैं और रहते हैं। इसलिए 12 साल बाद वे सत्ता में आना चाह रहे हैं। कांग्रेस उन्हें बड़ा पद देकर दिल्ली में बिठाना चाहती थी, लेकिन वे अपनों के बीच रहना चाहते थे। इससे पहले बेटी शताक्षी और दिव्यांशी ने भी पिता के लिए वोट मांगे।
खैरागढ. कोमल जंघेल की पत्नी भाना बाई (पीली साड़ी में) मतदाताओं से जनसंपर्क करते हुए।
कोमल के लिए कमल लेकर घूम रहीं पत्नी भाना बाई
6. इधर भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल के लिए पत्नी भाना बाई ने प्रचार की जिम्मेदारी उठाई है। पिछले दिनों महिला मोर्चा के साथ उन्होंने शहर के विभिन्न वार्डों में जनसंपर्क किया। अभी ग्रामीण मतदाओं से भी रू-ब-रू हो रही हैं। कोमल के बेटों ने चुनाव का प्रबंधन हाथ में ले रखा है। उनके अन्य रिश्तेदार भी गांव-गांव जाकर संपर्क साध रहे हैं।
7. भाजपा ने कार्यकर्ताओं से कहा- मनाएं कमल दिवाली / भाजपा ने पर्व को भुनाने की भी तरकीब निकाल ली और कार्यकर्ताओं से कह दिया कि अपने परिवार के साथ कमल दिवाली मनाएं। महामंत्री भागवत शरण सिंह ने बताया कि भाजपा के हर कार्यकर्ता को अपने घर में पार्टी का झंडा लगाने और घरों में रंगोली से कमल बनाने कहा गया है। हर घर में शुभ दिवाली के ताेरन भी लगाए जाएंगे।