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युवक को तड़पता छोड़ 108 का इलाज करता रहा स्टाफ, मौत के बाद फूटा लोगों का गुस्सा

लापरवाही की हद / अस्पताल प्रबंधन को भी नहीं दी गई एंबुलेंस बिगड़ने की जानकारी।

0 दूसरा विकल्प तलाशने की बजाए डेढ़ घंटे तक 108 को ही धक्का लगाता रहा स्टाफ।

नियाव@ खैरागढ़

पिपरिया की पानी टंकी से कूदकर घायल हुए युवक को गंभीर अवस्था में राजनांदगांव रेफर किया गया, लेकिन पेट्रोल पंप के पास एंबुलेंस बिगड़ गई। वहां मौजूद स्टाफ डेढ़ घंटे तक 108 को स्टार्ट करने की जुगत में लगा रहा। मरीज की हालत बिगड़ती चली गई। अंतत: उसने दम तोड़ दिया। स्टाफ की इस लापरवाही से गुस्साए लोगों ने सोमवार सुबह अस्पताल प्रशासन पर गुस्सा निकाला।


हादसे के बाद बरती गई लापरवाही को लेकर पिपरिया सहित नगर में खासा आक्रोश दिखाई दिया। आक्राेशित लोग अस्पताल परिसर पहुंचे और वहीं बैठकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान पार्षद गिरवर पटेल सहित बजरंग दल के सदस्यों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का कहना है कि एंबुलेंस में स्टाफ नहीं रहता। गाड़ियां कंडम हो चुकी हैं, लेकिन प्रबंधन इस पर ध्यान नहीं दे रहा। हंगामे की खबर मिलने के बाद मौके पर पहुंची तहसीलदार नेहा भेड़िया से भाजपा महामंत्री भागवत शरण सिंह ने उनसे पूछा कि आखिर इस मौत का जिम्मेदार कौन है? मरीज को डेढ़ घंटे में दूसरे वाहन से राजनांदगांव पहुंचाने की पहल क्यों नहीं हुई? तब नेहा ने आश्वस्त किया कि इस मामले में स्टाफ को नोटिस देकर कारण पूछा जाएगा।


सांस लेने में हुई तकलीफ पर नहीं था आक्सीजन / बताया गया कि गंभीर रूप से घायल मरीज को सांस लेने में तकलीफ हुई, लेकिन एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं होने से वह तड़पता रहा। यह सीधे-सीधे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है। लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है। हर बार यही रोना रहता है।


जनपद अध्यक्ष के आश्वासन बाद माने / अस्पताल में हुए हंगामे की खबर मिलने के बाद जनपद अध्यक्ष विक्रांत सिंह और मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र जैन भी मौके पर पहुंचे। विक्रांत ने आश्वस्त किया कि वे जीवनदीप समिति की बैठक में इस बात को जरूर उठाएंगे। उनके इस आश्वासन के बाद लोग मानें।


ऐसा है पूरा मामला / रविवार रात तकरीबन साढ़े सात बजे पिपरिया के 21 वर्षीय युवक मिथलेश पिता मंगलू ने पानी टंकी से कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की। इससे उसके सिर व सीने में गंभीर चोटें आई। जैसे-तैसे गैस सिलेंडर ढोने वाले माल वाहक से उसे हॉस्पिटल पहुंचाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे राजनांदगांव रेफर कर दिया। युवक को गंभीर अवस्था में लेकर जा रही एंबुलेंस सोनेसरार से आगे चोपड़ा फ्यूल्स के पास बिगड़ गई। उसमें मौजूद स्टाफ 108 को धक्का लगाकर स्टार्ट करने में जुट गया। इस जुगाड़ मंे डेढ़ घंटे बीत गए। मरीज की हालत बिगड़ती चली गई। अंतत: छुईखदान से दूसरी एंबुलेंस बुलाई गई, जब तक युवक की सांसें उखड़ गई थीं।


स्टाफ को नोटिस देने कहा है / तहसीलदार नेहा भेड़िया ने बताया कि 108 बिगड़ने के बाद ड्राइवर और टेक्निशियन ने अस्पताल प्रबंधन को सूचना नहीं दी। उनका कहना है कि सूचना मिलने पर वे दूसरे वाहन की व्यवस्था करते। इसलिए मैंने बीएमओ से कहा है कि दोनों को नोटिस देकर कारण पूछा जाए। फिर आगे की कार्रवाई करेंगे।


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Last modified on Thursday, 09 January 2020 12:07

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